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Flex Fuel: देश में अब आ रही फ्लेक्स फ्यूल वाली गाड़ियां, जानिए क्या है ये?

Flex Fuel: देश में अब गाड़ियों को चलाने के लिए नए फ्यूल का ऑप्शन आ रहा है जिसका नाम है Flex Fuel. देश में इस नए फ्यूल तकनीक से चलने वाली पहली कार इसी महीने 28 सितंबर को पेश की जाएगी। बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इसे पेश करेंगे।   क्या है ये […]

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Flex Fuel: देश में अब आ रही फ्लेक्स फ्यूल वाली गाड़ियां, जानिए क्या है ये?
  • September 16, 2022 6:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

Flex Fuel: देश में अब गाड़ियों को चलाने के लिए नए फ्यूल का ऑप्शन आ रहा है जिसका नाम है Flex Fuel. देश में इस नए फ्यूल तकनीक से चलने वाली पहली कार इसी महीने 28 सितंबर को पेश की जाएगी। बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इसे पेश करेंगे।

 

क्या है ये फ्लेक्स फ्यूल

दरअसल ये फ्यूल इथेनॉल या मेथनॉल के साथ पेट्रोल को मिक्स करके बनाया जाता है. इस फ्यूल की मदद से गाड़ी को एक आम पेट्रोल/डीजल गाड़ी की ही तरह चलाया जा सकेगा. फ्लेक्स फ्यूल एक ऐसा फ्यूल होगा जसी इथेनॉल या मेथनॉल में पेट्रोल को मिलाकर बनाया जाएगा।

 

कैसे होता है फ्यूल तैयार

 

दरअसल, ये एक अल्कोहल बेस्ड फ्यूल होता है, जिसे तैयार करने के लिए गन्ना और मक्के जैसे फसलों का सहारा लिया जाता है. इसे बनाने के लिए फर्मेंटेशन में स्टार्च और शुगर का प्रयोग किया जाता है. ये बात कौन नहीं जाता कि हमारा देश भारत गन्ने का बहुत बड़ा उत्पादक देश है. ऐसे में इसे बनाने के लिए देश में कच्चे माल की कोई कमी नहीं है.

 

ऐसे करता है काम

जैसा कि हम सब जानते हैं कि आजकल की कारें एक ही फ्यूल से चलती हैं, जबकि कुछ गाड़ियों में पेट्रोल और CNG का इस्तेमाल किया जाता हैं. लेकिन फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाली गाड़ियों में सबसे खास बात ये होती है कि इसे मनचाहे तौर पर जब चाहें तब पेट्रोल या फ्लेक्स दोनों तरह से ही चलाया जा सकता है.

 

प्रदूषण में होगी कमी

पूरी दुनिया में लगातार प्रदूषण में इजाफा हो रहा है, बढ़ते प्रदूषण के चलते ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं. इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार कारण गाड़ियों से निकलने वाला उत्सर्जन माना जा रहा है.

 

इसी प्रदूषण को कम करने के लिए पेट्रोल में इथेनॉल या मेथनॉल मिक्स करके नए तरह के फ्यूल का ऑप्शन तैयार किया गया है. इस फ्यूल की खासियत ये है कि यह समान्य पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा सही तरीके से जलता है.

अब इसी के चलते फ्यूल के जलने से निकलने वाली कॉर्बन मोनो डाई ऑक्साइड गैस की मात्रा में 35 फ़ीसदी तक की गिरावट आ जाती है. इसके साथ ही नाइट्रोजन ऑक्साइड गैस की उत्सर्जन मात्रा में भी काफी कमी आती है.

 

कीमत भी पेट्रोल से काफी कम

इस तकनीक में सबसे ज्यादा खास बात ये है कि फ्लेक्स फ्यूल की कीमत भी पेट्रोल और डीजल की तुलना में काफी कम है. इस फ्यूल की कीमत करीब 60 से 70 रुपये प्रति लीटर है. जो पेट्रोल व डीजल के मुकाबले लगभग 30 रुपये कम है. ऐसे में फ्लेक्स फ्यूल के इस्तेमाल से प्रदूषण में गिरावट के साथ साथ फ्यूल पर होने वाले खर्चे में भी काफी कमी की जा सकती है.

 

 

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