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Electric Vehicles: कर्नाटक में प्रीमियम इलेक्ट्रिक वाहनों के महंगे होने की संभावना, जानें वजह

नई दिल्ली। कर्नाटक में हाई-एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स अब महंगे होने जा रहे हैं। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि राज्य सरकार ने उन पर अतिरिक्त टैक्स लगाया है। बता दें कि कर्नाटक सरकार का यह फैसला बढ़ती पर्यावरणीय चिंताओं के बीच आया है, जो राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ोतरी पर प्रभाव डाल सकता है। संशोधित कर्नाटक […]

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Electric Vehicles: कर्नाटक में प्रीमियम इलेक्ट्रिक वाहनों के महंगे होने की संभावना, जानें वजह
  • March 11, 2024 6:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली। कर्नाटक में हाई-एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स अब महंगे होने जा रहे हैं। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि राज्य सरकार ने उन पर अतिरिक्त टैक्स लगाया है। बता दें कि कर्नाटक सरकार का यह फैसला बढ़ती पर्यावरणीय चिंताओं के बीच आया है, जो राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ोतरी पर प्रभाव डाल सकता है। संशोधित कर्नाटक मोटर वाहन कराधान अधिनियम 2024 राज्य में हाई-एंड इलेक्ट्रिक वाहनों पर 10 प्रतिशत का आजीवन टैक्स लगाता है, जो मौजूदा रोड टैक्स के अतिरिक्त है।

ऐसे में कर्नाटक मोटर वाहन कराधान अधिनियम 2024 में हुए संशोधन के मुताबिक, 25 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर नए वाहन के पंजीकरण के दौरान वाहन की लागत का 10 प्रतिशत आजीवन टैक्स के रूप में लगाया जाएगा। जारी किए गए नोटिफिकेशन में ये कहा गया है कि इलेक्ट्रिक से चलने वाले मोटर कार, जीप, ओम्नीबस और निजी सेवा वाहन, जिनकी वाहन लागत 25 लाख रुपये से अधिक है, नए वाहन के पंजीकरण के समय वाहन लागत का 10 प्रतिशत आजीवन टैक्स के अधीन होंगे।

पहले भी लगाया जा चुका है सबसे ज्यादा रोड टैक्स

गौरतलब है कि संशोधन से पहले भी, कर्नाटक राज्य की तरफ से भारत में वाहनों पर 13 से 20 प्रतिशत के बीच का सबसे ज्यादा रोड टैक्स लगाया था। प्रीमियम और लग्जरी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 10 प्रतिशत एकस्ट्रा टैक्स लगाने से प्रीमियम हाई-एंड इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में और बढ़त होगी। इन सब में दिलचस्प बात ये है कि यह नया टैक्स कर्नाटक सरकार द्वारा राज्य में प्योर इलेक्ट्रिक वाहनों को रोड टैक्स का भुगतान करने से छूट देने के बाद आया है। हालांकि, जहां कर्नाटक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए शून्य पंजीकरण शुल्क के साथ सड़क कर छूट देता है। वहीं अन्य राज्य अपनी संबंधित ईवी नीतियों के जरिए वित्तीय सब्सिडी प्रदान करते हैं।

क्या है राज्य सरकार का अनुमान?

ऐसा माना जा रहा है कि राज्य सरकार यह कदम, राज्य में इलेक्ट्रिक कारों, एसयूवी और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री पर प्रभाव डाल सकता है। हालांकि, राज्य सरकार संशोधित नीति के माध्यम से राजस्व बढ़ाने और तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहन बाजार को विनियमित करने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही, 10 प्रतिशत आजीवन टैक्स लगाने के बाद भी कर्नाटक सरकार आने वाले सालों में ईवी की बिक्री में पर्याप्त बढ़ोतरी की संभावना जता रही है। ऐसे में राज्य सरकार का मानना है कि 2030 तक कर्नाटक में लगभग 23 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री होगी, जो मौजूदा 80,000 यूनिट्स से काफी बढ़ोतरी दर्ज करेगा। बता दें कि कर्नाटक में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या पहले ही तीन लाख यूनिट्स को क्रॉस कर चुकी है।

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