नई दिल्ली। आज पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को ICE व्हीकल्स के अल्टरनेट के रूप में देखा जा रहा है। भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के अडॉप्शन को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ कई राज्य भी अपनी ईवी पॉलिसी बनाकर सब्सिडी दे रहे हैं। यही […]
नई दिल्ली। आज पूरी दुनिया में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को ICE व्हीकल्स के अल्टरनेट के रूप में देखा जा रहा है। भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के अडॉप्शन को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ कई राज्य भी अपनी ईवी पॉलिसी बनाकर सब्सिडी दे रहे हैं। यही नहीं देश के कई राज्य अपनी ईवी पॉलिसी बना चुके हैं और जिन्होंने अभी नहीं बनाई हैं, वह इस पर विचार कर रहे हैं। आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली सरकार की ओर से ईवी पर मिलने वाली सब्सिडी (Electric Vehicle Subsidy) के बारे में।
उत्तर प्रदेश राज्य में खरीदे गए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की फैक्ट्री वैल्यू पर 15 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। जिसमें पहले दो लाख ईवी 2-व्हीलर्स को 5,000 रुपये प्रति यूनिट तक सब्सिडी मिल रही है। वहीं, पहले 25000 ईवी 4-व्हीलर्स पर 1 लाख रुपए प्रति यूनिट तक की सब्सिडी मिलेगी। इस वक्त राज्य में बिकने वाली पहली 400 ई बसों (गैर-सरकारी) पर 20 लाख रुपए प्रति यूनिट की सब्सिडी दी जा रही है।
बिहार राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत राज्य पहली 1 हजार इलेक्ट्रिक कारों पर 1.25 लाख रुपये प्रति यूनिट तक की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं पहले 10,000 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर 10,000 रुपये प्रति यूनिट तक की छूट मिलेगी। साथ ही मोटर व्हीकल टैक्स में 75 प्रतिशत तक की छूट मिलेगी।
दिल्ली में ईवी टू-व्हीलर्स पर 5,000 रुपए/किलोवाट या अधिकतम 30,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। वहीं इलेक्ट्रिक कारों पर 10,000 रुपये/kWh या अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी।
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इसके अलावा, केंद्र सरकार भी सब्सिडी देती है। यह सब्सिडी FAME (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) के तहत दी जाती है। वर्तमान में इसका FAME फेज-2 चल रहा है। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा कुछ समय पहले ही इस सब्सिडी में कुछ कटौती की गई थी।