नई दिल्ली: मौजूदा दौर में ट्यूबलेस टायर तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं. इन दिनों जायदातर गाड़ियों और बाइक्स में आपको ट्यूबलेस टायर देखने को मिल जाते है. जैसा कि इसके नाम से ही पता लग रहा है कि ट्यूबलेस टायर में ट्यूब नहीं होती. यह दिखने में एक सामान्य टायर जैसे ही होते है लेकिन इस टायर को कुछ इस तरह से बनाया गया है कि इन टायर में हवा अपने आप ही समा सके. पंक्चर होने के समय में भी इसमें से हवा धीरे-धीरे निकलती है. इसके साथ ही बिना टायर निकाले ही आप इसका पंक्चर जुड़ा सकते हैं. इतने फायदे होने के साथ-साथ ही ट्यूबलेस टायर के कई नुकसान भी होते हैं. अगर आप भी अपनी गाड़ी या बाइक में यह टायर लगवाने की सोच रहे थे, तो पहले इसके 3 बड़े नुकसान को जान लीजिए:
ट्यूबलेस टायर सामान्य टायरों के मुकाबले काफी महंगे होते हैं. इन टायर की कीमत ब्रांड और साइज के हिसाब से अलग-अलग तय की गई है. हालांकि कीमत के साथ-साथ इन टायर की क्वालिटी भी अच्छी होती जाती है. ऐसे में आप किफ़ायती के चक्कर में ऐसे ही खराब ट्यूबलेस टायर न खरीदें .
ट्यूबलेस टायरों को फिट करने या निकलाने के लिए मेकेनिक की आवश्यकता होती है. ऐसे में जो लोग इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते वह टायर बदलने के चक्कर में रिम को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं. वहीं सामान्य टायर को बदलने का तरीका बेहद हे आसान होता है
आपको बता दें कि अगर ट्यूबलेस टायर की साइडवॉल पर पंक्चर हो जाए तो लेने के देने पड़ जाते हैं. ऐसी परिस्थिति में ट्यूब वाले टायर में ट्यूब बदलने का ही विकल्प होता है. लेकिन इसके साथ ही ट्यूबलेस टायर को बदलना ही पड़ता है. इसलिए ऐसे में जब भी आपको ये पंक्चर दिखे तो आप अपनी गाड़ी ज्यादा दूर न चलाएं और मेकेनिक को बुला लें.
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