नई दिल्ली। भारत में अब तक लोगों को पूरी तरह सीट बेल्ट के नियम का पालन करते नहीं देखा गया है। ऐसे में हर रोज देश में कई ऐसे सड़क दुर्घटना के मामले देखने को मिलते हैं, जिनका ज्यादातर कारण वाहन उपयोग के समय यातायात नियमों की अनदेखी करना पाया जाता है। बता दें कि […]
नई दिल्ली। भारत में अब तक लोगों को पूरी तरह सीट बेल्ट के नियम का पालन करते नहीं देखा गया है। ऐसे में हर रोज देश में कई ऐसे सड़क दुर्घटना के मामले देखने को मिलते हैं, जिनका ज्यादातर कारण वाहन उपयोग के समय यातायात नियमों की अनदेखी करना पाया जाता है। बता दें कि यातायात नियम के अनुसार ड्राइव करते वक्त सीट बेल्ट पहनना बहुत ही जरूरी है। ये न सिर्फ आगे बैठे यात्री बल्कि साथ में सफर कर रहे लोगों की भी सुरक्षा करता है। अक्सर देखा जाता है कि आगे वाले लोग तो सीट बेल्ट लगाते हैं लेकिन कार के पीछे बैठे लोग इसे सीरियसली नहीं लेते और सीट बेल्ट न पहनने के बहुत सारे बहाने ढूंढ लाते है।
ऐसे लोगों को लिए बता दें कि जल्द ही कार में पीछे की सीट पर बैठे यात्री के बेल्ट नहीं पहनने पर अलार्म बजने लगेगा। दरअसल, 1 अप्रैल 2025 से देश में बिकने वाली सभी कारों में ‘रियर सीट बेल्ट अलार्म’ लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को ऑटो-निर्माता कंपनियों को एक मसौदा अधिसूचना जारी की गई है।
सीट बेल्ट अलार्म एक बेहद आवश्यक सुविधा है। जो कि सेफ्टी फीचर कार में बैठे यात्रियों को सीट बेल्ट पहनने के लिए बीपिंग ध्वनि के साथ सचेत करने का काम करता है। यही नहीं ये ध्वनि तब तक बंद नहीं होती जब तक यात्री सीट बेल्ट न पहन ले। वहीं एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, ये नोटिफिकेशन सिर्फ रियर सीट बेल्ट अलार्म के लिए लाया गया है, इसके अतिरिक्त कोई नया प्रावधान नहीं किया गया है।
बता दें कि वर्तमान में, ड्राइवर और फ्रंट सीट यात्रियों के लिए इन-बिल्ट सीट बेल्ट रिमाइंडर अनिवार्य है। केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) के नियम 138 (3) के तहत सीट बेल्ट नहीं पहनने पर पीछे की सीट वाले यात्रियों पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगता है। लेकिन ज्यादातर लोग या तो इसके बारे में नहीं जानते हैं या इसे नजरअंदाज करते हैं। वहीं कुछ सूत्रों की मानें तो इस फैसले का उद्देश्य टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की दुखद कार दुर्घटना के बाद यात्री सुरक्षा में सुधार लाना है।