नई दिल्ली : हुंडई के स्वामित्व वाली किया मोटर्स ने भारत में अपनी एंट्री को लेकर आधिकारिक तौर पर घोषणा कर दी है, कंपनी भारत में साल 2019 में उतरेगी और आंध्र प्रदेश के अनंतापुर जिले में इसका प्लांट लगेगा, इसके लिए कंपनी ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ करार किया है.
हाइलाइट
प्लांट लगाने के लिए किया मोटर्स करीब 7 हजार करोड़ रूपए (1.1 बिलियन डॉलर) का निवेश करेगी. आंध्र प्रदेश के अनंतापुर जिले में प्लांट का कार्य 2017 के आखिर मे शुरू होगा, संभावना है कि 2019 के मध्य से इस में प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. यह प्लांट 536 एकड़ में फैला होगा. किया मोटर्स शुरूआत में एक कॉम्पैक्ट सेडान और एक कॉम्पैक्ट एसयूवी लॉन्च करेगी. अगर सब कुछ सही रहा तो साल 2019 के अंत तक किया मोटर्स की कारों की बिक्री शुरू हो जाएगी. इस प्लांट में एक साल में 3 लाख कारें तैयार होंगी. किया मोटर्स, हुंडई के स्वामित्व वाली कंपनी है, ये दोनों ही दक्षिण कोरियाई कंपनियां हैं.
इतिहास
किया मोटर्स की शुरूआत 1944 में हुई थी, यह कोरिया की सबसे पुरानी कार कंपनी है. इसकी पहली छोटी कार 1974 में आई थी. यह टोयोटा के लेक्सस और होंडा के एक्यूरा की तरह हुंडई का सब ब्रांड नहीं है, जिस तरह लैंड रोवर और जगुआर अलग कंपनी होते हुए भी टाटा मोटर्स के अधिकार में आते हैं उसी तरह किया मोटर्स पर हुंडई का स्वामित्व है. 1997 में यह कंपनी दिवालिया घोषित हो गई थी, जिसके बाद 1998 में एक नीलामी के दौरान हुंडई ने इसके अधिकांश शेयर खरीद लिये थे. नीलामी में किया मोटर्स को खरीदने के लिए फोर्ड ने भी दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन फैसला हुंडई के पाले में गया. इसी दौर में भारत में माटिज और सिएलो/नेक्सिया बेचने वाली देवू मोटर्स भी जनरल मोटर्स के हाथों बिकी थी.
हुंडई के स्वामित्व में आने के बाद किया मोटर्स का काफी विस्तार हुआ है, मौजूदा समय में यह हुंडई के बाद दक्षिण कोरिया की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी है. ये दोनों ही कंपनियां आकर्षक डिजायन वाली कारें तैयार करने के लिए जानी जाती हैं. हुंडई ट्यूसॉन को भी किया मोटर्स की डिजायन टीम ने ही डिजायन किया.
कार बाजार के मौजूदा ट्रेंड की तरह हुंडई और किया मोटर्स आपस में कई पार्ट्स, प्लेटफार्म और इंजन एक-दूसरे के साथ साझा करती हैं, भारत में भी ये दोनों कंपनियां इस रणनीति पर चलेगी.
प्रोडक्ट
किया मोटर्स ने भारत में एक कॉम्पैक्ट सेडान और एक कॉम्पैक्ट एसयूवी के साथ दस्तक देने का जिक्र किया है. संभावना है कि किया मोटर्स की कॉम्पैक्ट सेडान हुंडई ग्रैंड आई-10 पर तैयार एक्सेंट की तरह होगी. ग्रैंड आई-10, किया मोटर्स की एंट्री लेवल हैचबैक पिकांटो वाले प्लेटफार्म पर बनी है. इसे स्थानीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है, ऐसे में अगर किया मोटर्स, पिकांटो हैचबैक को भारत में उतारती है तो यहां तो कंपनी को इसे तैयार करने में ज्यादा परेशानी नहीं आएगी.
बात करें कॉम्पैक्ट एसयूवी की तो यह देखना होगा की यह सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी होगी या फिर रेनो डस्टर और हुंडई क्रेटा को टक्कर देने वाली कॉम्पैक्ट एसयूवी होगी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में किया मोटर्स के पास सोल एसयूवी उपलब्ध है, इसी पर क्रेटा को तैयार किया गया है. उम्मीद है कि किया मोटर्स की सब 4-मीटर एसयूवी हुंडई के कारलिनो कॉन्सेप्ट पर बनी हो सकती है. हुंडई भी एक नई सब 4-मीटर एसयूवी पर काम कर रही है.
संभावना है कि आने वाले समय में किया मोटर्स यहां ऑप्टिमा, सोल, स्पोटर्ज और रियो समेत दूसरी कई कारें उतारेगी. ऑप्टिमा का मुकाबला टोयोटा कैमरी और होंडा अकॉर्ड से होगा. सोल और स्पोर्ट्ज का मुकाबला हुंडई ट्यूसॉन से होगा, जबकि रियो की टक्कर मारूति बलेनो और हुंडई एलीट आई-20 से होगी.