नई दिल्ली : मारूति जिप्सी का अब भारतीय सेना से विदाई का समय आ गया है. लंबे अरसे तक भारतीय सेना का हिस्सा रही जिप्सी की जगह अब टाटा मोटर्स की सफारी स्टॉर्म लेगी. इसके लिए टाटा मोटर्स को भारतीय सेना ने 3192 सफारी स्टॉर्म 4×4 का ऑर्डर दिया है. टाटा मोटर्स यह सप्लाई जीएस800 (जनरल सर्विस 800) कैटेगरी में करेगी.
जिप्सी की जगह सफारी स्टॉर्म को लेने की एक बड़ी वजह इसमें डीज़ल इंजन का होना है. ऊबड़-खाबड़ रास्तों और हल्की होने की वजह से सेना के लिए जिप्सी एक कारगर वाहन थी लेकिन इस में केवल पेट्रोल इंजन होना इसकी क्षमताओं को सीमित कर देता था. सफारी स्टॉर्म में डीज़ल इंजन लगा है ऐसे में उन स्थानों पर भी जहां फ्यूल स्टेशन उपलब्ध नहीं हैं वहां सेना के ट्रकों के बड़े बेड़े और दूसरे हैवी ड्यूटी वाहनों की मौजूदगी की वजह से इसकी रिफ्यूलिंग में दिक्कत नहीं आएगी.
रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए वाहन खरीदने के लिए तीन मापदंड बनाए थे, इन में पहला था वाहन की छत पूरी तरह से कवर हो, दूसरा इस में एसी होना चाहिये और तीसरा वाहन 800 किलोग्राम का भार ले जा सके, सफारी स्टॉर्म इन तीनों मापदंडों पर खरी उतरी, इस के बाद सफारी स्टॉर्म पर सेना ने 15 महीनों तक कड़ी परिस्थितियों में टेस्ट किया.
भारतीय सेना को भेजी जाने वाली सफारी स्टॉर्म, आम मॉडल से अलग होगी, इसे सेना की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है ताकि ये हर तरह के रास्तों और मौसम में चल सके. इससे पहले कंपनी और सेना के बीच 10 टन कैटेगरी के 6×6 हाई मोबिलिटी वाहनों के लिए भी करार हुआ था, जो टाटरा के वाहनों की जगह लेंगे. टाटा मोटर्स 1958 से इंडियन आर्मी और पैरामिलिट्री फोर्स को वाहनों की सप्लाई करती आ रही है, अब तक कंपनी 1.5 लाख वाहन सप्लाई कर चुकी है.