चुनाव के बाद डीपफेक के खिलाफ आएगा सख्त कानून, जानें सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से क्या कहा

नई दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फेसबुक की मूल कंपनियों मेटा, गूगल, अमेज़ॅन और माइक्रोसॉफ्ट सहित अन्य को फटकार लगाई, और उन्होंने कहा कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई सामग्री की जिम्मेदारी लेनी शुरू करनी चाहिए और समाज और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने वाली गलत सूचनाओं से निपटने के लिए तकनीकी और व्यावसायिक समाधान विकसित करना चाहिए. बता दें कि उन्हें इस बात पर भी जोर दिया गया है कि चुनाव के बाद सरकार डीपफेक और दुष्प्रचार से निपटने के लिए एक सुविचारित कानूनी ढांचे का विकास पूरा करेगी.

सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा

अश्विनी वैष्णव ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा है कि भारत जैसे जीवंत और विविधतापूर्ण लोकतंत्र में गलत सूचना वास्तव में बहुत हानिकारक हो सकती है, और ये समाज, लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और हमारे भविष्य और समाज के समग्र सद्भाव पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है. साथ ही सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसका उद्देश्य सोशल मीडिया पर गलत सूचना और सरासर झूठ के प्रसार को बर्दाश्त नहीं करना है.


“हम सोशल मीडिया कंपनियों के साथ अपनी चर्चा में स्पष्ट कर रहे हैं कि उन्होंने कई कदम उठाया हैं, और निश्चित रूप से चुनाव के तुरंत बाद हमने बहुत विस्तृत चर्चा भी की है. आपको बता दें कि ये सरकारी बयान गूगल जेमिनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस घोटाले के बाद आया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निर्देशित निम्नलिखित आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद गूगल ने जेमिनी के लिए माफी मांगी और कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उपकरण हमेशा विश्वसनीय उत्तर नहीं देते हैं.

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