एशिया कप में मंगलवार को भारत और अफगानिस्तान के बीच खेला गया सुपर फोर मैच टाई हो गया. ये मैच काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा. अंतिम गेंद तक पता नहीं चल रहा था कि कौन सी टीम इस मैच में विजेता बनेगी. मैच के बाद अफगानिस्तान के क्रिकेटर मोहम्मद नबी ने अफगानिस्तान टीम के संघर्ष को याद किया. उन्होंने कहा कि वह ये सब पिछले 18 वर्षों से देख रहे हैं. हमारे संघर्ष से युवाओं को प्रेरणा मिलती है.
नई दिल्ली. भारत और अफगानिस्तान के बीच दुबई में खेला गया एशिया कप सुपर फोर मैच टाई हो गया. ये एक ऐसा मैच रहा जिसमें अंतिम समय तक ये कह पाना मुश्किल था कि मैच कौन जीतेगा? टीम इंडिया ने इस मैच को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी लेकिन अंतिम ओवर में भारतीय बल्लेबाज राशिद खान से पार नहीं पा सके और मैच टाई हो गया. ये सांसे थाम देना वाला मैच अफगानिस्तान क्रिकेट टीम के संघर्ष की कहानी बयां करता है. मैच टाई होने के बाद अफगानिस्तान के खिलाड़ी मोहम्मद नबी ने अफगानिस्तान क्रिकेट को लेकर बयान दिया है.
मोहम्मद नबी अफगानिस्तान के एक ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपने देश को क्रिकेट में तरक्की करते देखा है. एक अखबार से बात करते हुए अफगानिस्तान इस अनुभवी क्रिकेटर ने कहा, अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को शून्य से टेस्ट क्रिकेट तक लाने का सफर तय किया है नबी ने अपने संघर्ष को याद करते हुए कहा कि वह बीते 18 वर्षों से ये सब देख रह हैं. नबी के मुताबिक, उनका परिवार 1994-96 गृह युद्ध में पीड़ित था जिसके बाद परिवार ने पाकिस्तान जाकर शरण ली. मोहम्मद नबी ने पाकिस्तान में ही क्रिकेट खेलना सीखा.
साल 2000 में एक फिर मोहम्मद नबी का परिवार अफगानिस्तान वापस आया. इस दौरान काबुल में मोहम्मद नबी की मुलाकात मोहम्मद शहजाद और असगर अफगान के संपर्क में आए और बाद में अफगानिस्तान टीम का हिस्सा बन गए. नबी ने आगे कहा, हम खुद को यह मानकर चलते थे कि हम ही रोल मॉडल्स हैं, अब जब अफगान टीम में कई युवा क्रिकेटर आ रहे हैं तो हम और मेहनत और संघर्ष करते हैं ताकि आने वाले नए खिलाड़ियों को ये पता चले कि हम यहां तक अपनी मेहनत और संघर्ष के दम पर पहुंचे हैं, हम आने वाले युवा खिलाड़ियों को सदैव अपने संघर्ष की कहानिया बताते रहते हैं.
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