नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया न्यूज के मैनेजिंग एडिटर राणा यशवंत के ‘अर्धसत्य’ शो काफी सराहना की है. पीएम मोदी खुद राणा यशवंत को एक पत्र लिखा है. पत्र में लिखा है कि अर्धसत्य के जरिए दर्शकों के बीच आपने एक खास जगह बनाई है. संपादक होने के साथ-साथ आप कवि भी हैं इसलिए आपको देश और समाज की बेहतर और बारीक समझ है. स्वच्छता अभियान में आपकी इस समझ का बड़ा योगदान हो सकता है.
प्रधानमंत्री आगे लिखते हैं कि मैं आपको व्यक्तिगत तौर पर आपको ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान से जुड़ने के लिए आमंत्रित करता हूं और चाहता हूं कि स्वच्छ भारत के लिए थोड़ समय निकाला करें. राणा यशवंत ने भी पीएम मोदी द्वारा की गई अर्धसत्य की तारीफ के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए आपका हार्दिक आभारी हूं.
राणा यशवंत ने कहा कि हम पत्रकारों का धर्म है कि सत्ता, शासन, समाज, धर्म, राजनीति और पर्यावरण जहां कहीं भी सवाल है, उन सवालों को उठाया जाए. गिरह पेच हैं तो उन्हें खोल-खोलकर रखा जाए. पारदर्शी ईमानदार व्यवस्था बहाल की जाए. लोगों को जागरुक किया जाए. देश और समाज को बेहतर बनाने का माहौल तैयार किया जाए.
2 अक्टूबर यानी गांधी जयंति के दिन भारत स्वच्छ भारत का पर्व मनाएगा. तब तक प्रधानमंत्री चाहते हैं कि स्वच्छता का मंत्र जन-जन तक फूंका जाए. लोगों को बताया जाए अगर वह अपने जीवन में सफाई अपना लेते हैं, वो लोग न सिर्फ अपना भला करेंगे, बल्कि देश की भी सेवा करेंगे. क्योंकि ये देश हमसे और आपसे बनता है.
पीएम मोदी की चिट्ठी में यह लिखा हुआ है कि भारत को स्वच्छ रखना सबसे नेक सेवा है क्योंकि इसके माध्यम से अगर किसी का भला होता है तो वो गरीब का होता है, गरीब और दबे-कुचले का होता है. अगर कहीं कूड़ा है या कचरा है तो उसका सबसे ज्यादा नुकसान गरीब और दबे-कुचलों का होता है. अगर हम सफाई को लेकर जागरुक हो जाएं तो हम अपने आस-पास की चीजों को बदल सकते हैं, देश की तकदीर बदल सकते हैं.
‘टॉयलेट’ पर फिल्म बन सकती है ये पहले सोच से परेह था लेकिन फिल्म बनी. लोगों ने अच्छा रिस्पोंस दिया, फिल्म ने अच्छी कमाई भी की. आज की तारिख में इस फिल्म ने 200 करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर लिया है. पीएम मोदी ने जब स्वच्छता अभियान की शुरूआत की थी, उस समय भारत का एक भी राज्य खुले में शौच की समस्या से मुक्त नहीं थी. आज तीन राज्य, 130 जिले और लगभग एक लाख नब्बै हजार गांव खुले में शौच की समस्या से मुक्त हैं.
महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था. उन्होंने “स्वच्छ भारत” का सपना देखा था जिसके लिए वह चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एक साथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें. महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी ने बीड़ा उठाया.
इस अभियान का उद्देश्य अगले पांच वर्ष में स्वच्छ भारत का लक्ष्य प्राप्त करना है ताकि बापू की 150वीं जयंती को इस लक्ष्य की प्राप्ति के रूप में मनाया जा सके. स्वच्छ भारत अभियान सफाई करने की दिशा में प्रतिवर्ष 100 घंटे के श्रमदान के लिए लोगों को प्रेरित करता है.
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