Advertisement

अर्धसत्य: भारत में सालाना 30 लाख मौत के पीछे की वजह शराब

शराब को लेकर उत्तर प्रदेश का शहर-शहर उबल रहा है, इसको बंद कराने के लिए महिलाएं मरने मारने पर आमादा हैं. ये ऐसा मुद्दा है जो न सिर्फ यूपी बल्कि पूरे हिन्दुस्तान को खोखला करता जा रहा है, परिवार को खाता जा रहा है, रिश्ते नातों को नेस्तनाबूद कर रहा है.

Advertisement
  • April 9, 2017 2:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: शराब को लेकर उत्तर प्रदेश का शहर-शहर उबल रहा है, इसको बंद कराने के लिए महिलाएं मरने मारने पर आमादा हैं. ये ऐसा मुद्दा है जो न सिर्फ यूपी बल्कि पूरे हिन्दुस्तान को खोखला करता जा रहा है, परिवार को खाता जा रहा है, रिश्ते नातों को नेस्तनाबूद कर रहा है, समाज के ताने बाने तो तहस-नहस कर रहा है और लाखों घरों में रोज मार-पीट गाली गलौज के हालात पैदा करता है. 
 
 
शराब को बंद कराने के लिए महिलाएं पिछले कुछ सालों से लाठी-डंडा लेकर खड़ी तो हो रही हैं लेकिन राज्य सरकारें उनके साथ नहीं होती. क्योंकि शराब से पैसा आता है और वो पैसा बहुत मोटा पैसा होता है. कुछ सरकारों ने हिम्मत दिखाई और अपने प्रदेश में दारु के लिये दरवाजा बंद कर दिया. अब सवाल ये है कि समाज की बेहतरी औऱ महिलाओं के सुरक्षा-सम्मान की बात करनेवाली यूपी की योगी सरकार शराबबंदी का फैसला करेगी?
 
 
इन महिलाओं का आरोप है कि शराब की दुकानों के चलते शहर आना तो छोड़िए उनका अपने घर से निकलना दूभर हो गया है. मनचले शराब पीकर राह चलती लड़कियों को छेड़ते हैं, महिलाओं पर गंदी फब्तियां कसते रहते हैं और पुलिस में बार-बार शिकायत करो तब भी कोई सुनता नहीं. क्योंकि शराब माफिया, पुलिसवाले, इलाके के कुछ सफेदपोश सबका नेक्सस ऐसा है कि शिकायत करने वाले को ही फंसा दिया जाता है. मगर अब महिलाओं ने खुद मोर्चा लिया हुआ है.
 
 
शराब का शटर डाउन करना आसान काम नहीं है. बिहार जैसे गरीब राज्य के लिये तो औऱ भी मुश्किल काम था. एक झटके में सलाना करीब 6 हजार करोड़ की आय ख़त्म हो गई. उत्तर प्रदेश में ये आय 15 हजार करोड़ की है. बिहार ने 6 हजार करोड़ का रास्ता निकाला और अब सवाल ये उठ रहा है कि यूपी ऐसा क्यों नहीं कर सकता.
 
(वीडियो में देखें पूरा शो)

Tags

Advertisement