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आखिर कौन है बूढ़े टाइपिस्ट को धमकाने वाला पुलिसवाला

पुलिस अफसर द्वारा टाइपराइटर तोड़े जाने और फिर धमकी मिलने से परेशान बुजुर्ग टाइपिस्ट कृष्‍ण कुमार को सिक्युरिटी मिली है. सोमवार को धमकी मिलने के बाद लखनऊ पुलिस उन्‍हें सिक्युरिटी दे रही है. अब पुलिस दि‍नभर उनका ध्‍यान रखेगी और शाम को फि‍र घर तक छोड़ेगी. बता दें कि धमकी देने वाले ने भी खुद को पुलिसवाला बताया है.

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  • September 22, 2015 12:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
लखनऊ. पुलिस अफसर द्वारा टाइपराइटर तोड़े जाने और फिर धमकी मिलने से परेशान बुजुर्ग टाइपिस्ट कृष्‍ण कुमार को सिक्युरिटी मिली है. सोमवार को धमकी मिलने के बाद लखनऊ पुलिस उन्‍हें सिक्युरिटी दे रही है.  अब पुलिस दि‍नभर उनका ध्‍यान रखेगी और शाम को फि‍र घर तक छोड़ेगी. बता दें कि धमकी देने वाले ने भी खुद को पुलिसवाला बताया है.
 
ऐसे लाइमलाइट में आया मामला
बता दें कि शनिवार को दरोगा प्रदीप कुमार ने कृष्ण कुमार का टाइपराइटर तोड़ दिया था. मीडिया में खबर आने के बाद सीएम ने बुजुर्ग को नया टाइपराइटर दिलाया था. एसएसपी-डीएम ने माफी मांगी थी. इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया गया. बावजूद इसके सोमवार को उन्हें धमकी मिली थी. 
 
सुबह-सुबह गाड़ी लेकर घर पहुंची पुलिस
मंगलवार को सुबह करीब छह बजे पुलि‍स गाड़ी लेकर गोमतीनगर स्‍थि‍त टाइपि‍स्‍ट के घर पहुंच गई. कृष्‍ण कुमार अभी जागे ही थे कि‍ पुलि‍सकर्मि‍यों ने दरवाजा खटखटा दि‍या. गेट खोलते ही कृष्‍ण कुमार से बोले, ‘आपके लि‍ए गाड़ी आ चुकी है, चलि‍ए हम आपको जीपीओ ले चलेंगे.’ आंखें मलते बुजुर्ग टाइपि‍स्‍ट को एक बार तो लगा कि‍ शायद सपना देख रहे हैं. कुछ मि‍नट तक देखते रहे. पुलि‍सवालों ने फि‍र गुजारि‍श की तो उन्‍होंने कहा, “मैं अभी नहाया-धोया भी नहीं, पूजा भी करनी है.” सि‍पाही बोले, ‘आप सब कर लीजि‍ए, हम इंतजार कर रहे हैं.’
 
पुलि‍स करती रही इंतज़ार
करीब 40 मि‍नट बाद कृष्‍ण कुमार तैयार हुए. तब तक पुलि‍सवाले दरवाजे पर इंतजार करते रहे. फि‍र गेट खुला और कृष्‍ण कुमार अपने टाइपराइटर के साथ नि‍कले. झट से एक पुलि‍सवाला आगे बढ़ा और उनके हाथ से टाइपराइटर लेकर गाड़ी में डाल दि‍या. दूसरे ने गेट खोला और गाड़ी में बैठने में उनकी मदद की. घरवाले और पड़ोसी हैरान होकर देखते रहे और गाड़ी जीपीओ की ओर बढ़ चली.

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