नई दिल्ली. पिछले 14 साल से पाकिस्तान में रहकर अपने घर की तलाश कर रही गीता को उसका परिवार मिल गया है. मीडिया रिपोर्टस में दावा किया गया है कि बेजुबान गीता उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ के महेशगंज क्षेत्र के धमोहन गांव की रहने वाली है.
नई दिल्ली. पिछले 14 साल से पाकिस्तान में रहकर अपने घर की तलाश कर रही गीता को उसका परिवार मिल गया है. मीडिया रिपोर्टस में दावा किया गया है कि बेजुबान गीता उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ के महेशगंज क्षेत्र के धमोहन गांव की रहने वाली है.
पुलिस के अनुसार, गीता के पिता रामराज और मां अनारा देवी है और उनका दावा है कि गीता उनकी बेटी सविता है. पिता के अनुसार गीता 2004 में बिहार के सारण जिले में स्थित अपने मामा के मठ से बिछुड़ गई थी. रिपोर्टस के अनुसार पाकिस्तान के पंजाब रेंजर्स करीब 14 साल पहले उसे एदी फाउंडेशन में लाए थे.
संगठन के फैसल एदी ने बताया कि गीता को पहले लाहौर स्थित ‘एदी सेंटर’ में लाया गया था और बाद में कराची स्थित संगठन के एक आश्रय गृह में भेज दिया गया. यहां ‘मदर ऑफ पाकिस्तान’ के नाम से लोकप्रिय बिलकिस एदी ने इस लड़की का नाम ‘गीता’ रखा और अब इस लड़की के बहुत करीब हो गई हैं. वह बचपन में भटककर पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हो गई थी. लड़की मोबाइल फोन पर भारत का नक्शा पहचानने में तो सफल रही, लेकिन एदी के कर्मचारियों को अन्य कोई जानकारी नहीं दे पायी है.
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