हिंदुस्तान की पुलिस आखिर सुधरती क्यों नहीं ?

नई दिल्ली. पुलिस को हम अपने समाज सुरक्षा करने वाले प्रहरी के तौर पर देखते हैं. हम सोचते हैं कि पुलिस अगर सजग रहे तो हमें भयमुक्त समाज मिलेगा. हमें अपराधियों से सुरक्षित पुलिस रखेगी. मगर जब पुलिसकर्मी ही कानून को कदमों से कुचलते हुए आगे बढ़ें तो क्या कहेंगे. देश में घटित हुई दो […]

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हिंदुस्तान की पुलिस आखिर सुधरती क्यों नहीं ?

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  • August 1, 2015 2:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. पुलिस को हम अपने समाज सुरक्षा करने वाले प्रहरी के तौर पर देखते हैं. हम सोचते हैं कि पुलिस अगर सजग रहे तो हमें भयमुक्त समाज मिलेगा. हमें अपराधियों से सुरक्षित पुलिस रखेगी. मगर जब पुलिसकर्मी ही कानून को कदमों से कुचलते हुए आगे बढ़ें तो क्या कहेंगे.

देश में घटित हुई दो घटनाओं ने यह सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि आखिर पुलिस की भूमिका क्या है? एक घटना महाराष्ट्र के बीड की है और दूसरी उत्तरप्रदेश के फर्रुखाबाद की है. लेकिन दोनों तस्वीरों में पुलिस का बेरहम चेहरा दिखा है. आज ‘अभियान’ में इस पर ही बात की गई कि आखिर पुलिस का खौफनाक चेहरा बार बार सामने क्यों आता है ? पुलिस सुधार पर कब तक चुप रहेंगी इस मुल्क की सरकारें ?

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