दरअसल, ब्रिटेन में जब सड़क पर बग्घियां चलना शुरू हुईं तो बग्घियों का ड्राइवर बाईं तरफ के घोड़े पर बैठता था.
इसके बाद जब ब्रिटेन में मोटर कारें आईं तो आदतन उनमें गाड़ियों की स्टेयरिंग का स्थान दाईं ओर ही रहा.
उस दौर में भारत ब्रिटेन का गुलाम था तो यहां भी स्टेयरिंग का स्थान दाईं ओर ही रहा.