गर्मी में अधिकांश लोग फ्रीज का ठंडा पानी पीना पसंद करते हैं, क्योंकि इससे राहत मिलती है.
लेकिन जब फ्रीज नहीं था, तब घरों में मटका था. क्या आप जानते हैं कि आखिर मटका या सुराही में पानी ठंडा कैसे होता है.
बता दें कि मिट्टी के घड़े की दीवारों में अनगिनत छोटे-छोटे सूक्ष्म छेद होते हैं. जिनसे पानी रिसता रहता है जिसकी वजह से घड़े की सतह पर हमेशा गीलापन रहता है.
इन छेदों से पानी निकलता है, उसका वाष्पोत्सर्जन होता रहता है. वाष्पोत्सर्जन यानी भाप बनकर उड़ने की प्रक्रिया को कूलिंग प्रोसेस कहा जाता है.
जानकारी के मुताबिक इससे आपकी इम्युनिटी मजबूत होती है और किसी भी रोग से लड़ने में आपके शरीर को ताकत मिलती है.
वही ये आपके शरीर में टेस्टोस्टरॉन का स्तर बढ़ाता है.
ये एसिडिटी जैसी दिक्कत दूर करने के साथ ही आपके गले को भी आराम देता है.
मटका पानी शरीर के लिए फायदेमंद है, लेकिन मटका साफ करके इसका पानी बदलते रहना चाहिए.