नई दिल्ली। India Nepal Relation: नेपाल की तरफ से अपने नए मैप में कालापानी, लिपुलेख तथा लिम्पियाधुरा के क्षेत्रों को शामिल करने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बता दें कि भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि नेपाल के इस कदम से असल स्थिति या फिर जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी। जयशंकर […]
नई दिल्ली। India Nepal Relation: नेपाल की तरफ से अपने नए मैप में कालापानी, लिपुलेख तथा लिम्पियाधुरा के क्षेत्रों को शामिल करने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बता दें कि भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि नेपाल के इस कदम से असल स्थिति या फिर जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी।
जयशंकर ने भुवनेश्वर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि नेपाल के साथ हम एक स्थापित मंच के माध्यम से अपनी सीमा के मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। इसके बीच में उन्होंने एकतरफा तौर पर अपनी ओर से कुछ कदम उठाए।
नेपाल अपने 100 रुपये के नए नोट पर भारतीय क्षेत्र लिपुलेख, लापियाधुरा और कालापानी समेत नेपाल का नक्शा छापेगा। नेपाल उत्तराखंड के इस हिस्से को भारत द्वारा कृत्रिम रूप से विस्तारित क्षेत्र बताता है। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में 100 रुपये के नए नोट पर नेपाल का नया नक्शा छापने का निर्णय लिया गया. यह नया नक्शा नेपाल में तीन भारतीय क्षेत्रों को दर्शाता है। इसकी घोषणा सरकारी प्रवक्ता रेखा शर्मा ने की.
उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद ने 25 अप्रैल और 2 मई को अपनी बैठकों में नोट की पृष्ठभूमि में मुद्रित नेपाल के पुराने मानचित्र को नए मानचित्र से बदलने का निर्णय लिया। इससे पहले नेपाल ने 18 जून 2020 को लिपुलेख, कालापानी और लापियादुरा को अपने राजनीतिक मानचित्र में शामिल किया था। इसी वजह से नेपाल के संविधान में भी संशोधन किया गया था.
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