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रोहित वेमुला नहीं था दलित, हैदराबाद पुलिस का हाईकोर्ट में बड़ा खुलासा, पढ़ें यहां पूरा मामला

दिल्ली: छात्र रोहित वेमुला की मौत से जुड़े मामले में हैदराबाद पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है. वहीं पुलिस की तरफ से तेलंगाना हाईकोर्ट में यह दावा किया गया है कि रोहित को यह मालूम था कि वह दलित जाति का नहीं है. वहीं असली जाती का पता चलने के डर से उसने आत्महत्या […]

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Rohit Vemula was not a Dalit, Hyderabad Police made a big revelation in the High Court, read the whole matter here
  • May 4, 2024 6:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

दिल्ली: छात्र रोहित वेमुला की मौत से जुड़े मामले में हैदराबाद पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है. वहीं पुलिस की तरफ से तेलंगाना हाईकोर्ट में यह दावा किया गया है कि रोहित को यह मालूम था कि वह दलित जाति का नहीं है. वहीं असली जाती का पता चलने के डर से उसने आत्महत्या कर ली थी. जानकारी के मुताबिक 2016 में रोहित वेमुला की आत्महत्या से मौत के कारण विश्वविद्यालयों में दलितों के खिलाफ भेदभाव को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था.

 

रोहित दलित जाति का नहीं था

 

 

हैदराबाद पुलिस ने पेश मामले में शुक्रवार को तेलंगाना हाईकोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें बताया गया था कि रोहित दलित जाती का नहीं था और उसने आत्महत्या इसलिए किया क्योंकि उसे ये डर था कि मेरा सच सामने न आ जाए. क्लोजर रिपोर्ट में सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी गई है. बता दें कि आरोपियों में सिकंदराबाद के तत्कालीन सांसद बंडारू दत्तात्रेय,एमएलसी एन.रामचंद्र राव और हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति अप्पा राव के अलावा केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और अखिल भारतीय विद्यार्थी के नेताओं को दोषमुक्त कर दिया गया है.

 

 

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Rohit Vemula

Rohit Vemula

 

क्लोजर रिपोर्ट में क्या कहा गया

 

 

रोहित की मृत्यु के समय स्मृति ईरानी व संसाधन विकास मंत्री रह चुकी थीं. पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट में यह कहा है कि सबूतों में होने के कारण मामला को बंद कर दिया गया है. रोहित के भाई राजा वेमुला ने कहा कि परिवार वाले 4 मई को हैदराबाद जाएंगे. जहां वो सीएम रेवंत रेड्डी से मुलाकात करेंगे. वहीं उसने कहा कि पुलिस ने 2017 के बाद से ही मामले की जांच करना बंद कर दी थी.

 

 

Rohit Vemula was not a Dalit

Rohit Vemula was not a Dalit

 

सीरीज किसे सौंपी गई थी

 

वेमुला परिवार के जाति सत्यापन मामले पर 15 गवाहों के बयानों की एक सीरीज जिला कलेक्टर को सौंपी गई थीं. कहा गया है कि कानून के मुताबिक जिला कलेक्टर जाति की स्थिति को देखते हुए आदेश पारित कर सकता है, पुलिस नहीं. बता दें कि हाईकोर्ट में रोहित वेमुला के वकील ने कहा है कि कलेक्टर ने मामले का फैसला अभी तक पूरा नहीं किया है.

 

 

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