धरती से 9 से 12 किमी की ऊंचाई पर क्यों उड़ते हैं विमान ?

भारत में रोज 6000 से ज्यादा फ्लाइट्स आसमान में होती हैं.

कामर्शियल विमान आम तौर पर 31,000 (9.4 किमी) और 38,000 फीट (11.5 किमी) के बीच उड़ान भरते हैं – करीब 5.9 से 7.2 मील.

आमतौर पर विमानों को इतनी ऊंचाई में पहुंचने में 10 मिनट लगते हैं.

विमान इस ऊंचाई से कहीं अधिक ऊंचाई पर उड़ान भर सकते हैं लेकिन इससे सुरक्षा संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

इतनी अधिक ऊंचाई पर वायु घनत्व कम होता है, जिसके परिणामस्वरूप वायु प्रतिरोध कम होता है, जिससे विमान कम ईंधन जलाते हुए तेजी से उड़ सकते हैं.

यह दक्षता आधुनिक जेट विमान इंजनों के लिए महत्वपूर्ण है, जिन्हें टर्बोफैन के रूप में जाना जाता है, जो उच्च ऊंचाई पर अधिक कुशलता से काम करते हैं.

इसके अलावा अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने से पक्षियों से टकराने से बचने, अशांति को कम करने और यात्रियों को अधिक आरामदायक उड़ान अनुभव देने में मदद मिलती है.