आज हम आपको बताते हैं जयपुर राजघराने की महारानी गायत्री देवी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा के झगड़े की कहानी.
गायत्री देवी और इंदिरा गांधी ने एक साथ गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के शांतिनिकेतन संस्थान से शिक्षा प्राप्त की थी.
बताया जाता है कि पढ़ाई के दिनों में इंदिरा गांधी को गायत्री देवी की प्रसिद्धि और खूबसूरती से काफी जलन होती थी.
दोनों के बीच की यह लड़ाई आगे चलकर राजनीति के मैदान तक आ पहुंची.
इंदिरा और गायत्री के बीच की यह लड़ाई उस समय उफान पर आ गई, जब गायत्री देवी ने 1962 में जयपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की ठानी और रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की.
दरअसल इंदिरा चाहती थीं कि गायत्री देनी कांग्रेस में शामिल हों, लेकिन उन्होंने स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा.
पत्रकार खुशवंत सिंह ने अपनी किताब में लिखते हैं, इंदिरा गांधी संसद में एक ऐसी महिला को कैसे बर्दाश्त कर सकती थीं, जो उनसे ज्यादा खूबसूरत और उनका प्रस्ताव ठुकरा चुकी हो.
इंदिरा ने उन्हें सबक सिखाना चाहा और इमरजेंसी में मौका देखकर गायत्री देवी को 3 सितंबर 1975 को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया.