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Indore: इंदौरा में अब भाजपा की जीत पक्की! कांग्रेस डमी उम्मीदवार की याचिका हाईकोर्ट से खारिज

भोपाल: इंदौर (Indore) की लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम के कल यानी 29 अप्रैल को अपना नामांकन वापस लिए जाने के बाद दूसरा झटका हाईकोर्ट से लगा जहां इस सीट पर कांग्रेस के डमी प्रत्याशी की याचिका को मध्य प्रदेश हॉईकोर्ट ने खारिज कर दिया है, इस सीट पर कांग्रेस के […]

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Indore: इंदौरा में अब भाजपा की जीत पक्की! कांग्रेस डमी उम्मीदवार की याचिका हाईकोर्ट से खारिज
  • April 30, 2024 9:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

भोपाल: इंदौर (Indore) की लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम के कल यानी 29 अप्रैल को अपना नामांकन वापस लिए जाने के बाद दूसरा झटका हाईकोर्ट से लगा जहां इस सीट पर कांग्रेस के डमी प्रत्याशी की याचिका को मध्य प्रदेश हॉईकोर्ट ने खारिज कर दिया है, इस सीट पर कांग्रेस के डमी प्रत्याशी. मोती सिंह का नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी द्वारा चार दिन पहले खारिज किया जा चुका है, लेकिन उन्होंने इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम के पर्चा वापस लेने का हवाला देते हुए अदालत से मांग की थी कि उन्हें पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने की इजाजत दी जाए.

चुनाव अधिकारी पहले ही पर्चा कर चुके हैं खारिज

मोती सिंह की याचिका पर न्यायमूर्ति विवेक रूसिया ने चुनाव आयोग की दलीलें सुनने के बाद सिंह की रिट याचिका को खारिज कर दिया. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सुनवाई के समय मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि मोती सिंह का पर्चा खारिज हो चुका है और उनका नाम चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की लास्ट सूची में नहीं है, इसलिए वह चुनावी दौड़ से पहले ही बाहर हो गए हैं.

वैकल्पिक उम्मीदवार होने की वजह से पर्चा किया गया खारिज

एकल पीठ ने याचिका पर चर्चा करते हुए बताया कि याचिकाकर्ता के द्वारा उठाया गया मामला चुनाव से जुड़ा है.कांग्रेस के डमी प्रत्याशी मोती सिंह की ओर से अदालत में बताया गया कि निर्वाचन अधिकारी ने उनका पर्चा दस्तावेजों की छानबीन के दौरान 26 अप्रैल को केवल इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वह महज एक वैकल्पिक उम्मीदवार है, जबकि कांति बम पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार हैं.

डमी उम्मीदवार ने कहा चुनाव लड़ने की दी जाए इजाजत

कोर्ट में कांग्रेस के ‘डमी’ प्रत्याशी की ओर से कहा गया कि चूंकि बम ने पर्चा वापस ले लिया है, इसलिए चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन आदेश) 1968 के तहत हमको कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पंजे पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की इजाजत दी जानी चाहिए.

प्रस्तावकों के कॉलम को छोड़ दिया था खाली

इस मामले पर कोर्ट में चुनाव आयोग की ओर से सिंह की याचिका के खिलाफ दलील पेश की गई कि यह मामला ‘‘रिले रेस” की तरह है, यानी ‘बैटन’ थामे रखने के लिए धावक को दौड़ में बने रहना होता है. चुनाव आयोग ने मोती सिंह की याचिका को खारिज करने को लेकर जवाब दिया कि निर्वाचन अधिकारी ने सिंह का पर्चा इसलिए निरस्त किया क्योंकि उन्होंने इसमें 10 प्रस्तावकों के कॉलम को खाली छोड़ दिया था.

13 मई को डाले जाएंगेवोट

सोमवार (29 अप्रैल) को बम ने इंदौर में कांग्रेस को तगड़ा झटका देते हुए अपना नामांकन वापस ले लिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. कांति के पर्चा वापस लिए जान के बाद भाजपा की मजबूत सीट माने जाने वाली इस सीट पर चुनौती खत्म हो गयी. जहां बीजेपी पिछले पैंतीस साल से जीतती आ रही थी.आपको बता दें कि इस सीट पर 13 मई को वोट डाले जाएंगे और नतीजे 4 जून को आएंगे.

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