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क्या है ‘रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रेस्टिनेशन’, कहीं आप भी तो नहीं हैं इसके शिकार

नई दिल्ली: अगर आपने दिन में फोन या गैजेट्स का इस्तेमाल नहीं किया है लेकिन आप सोचते हैं कि कोई बात नहीं रात में चला लेंगे. जिसके चलते आप रात में अपनी नींद को जानबूझकर टालकर उन गतिविधियों को करते हैं. जिसके लिए आपके पास दिन में टाइम नहीं होता. यानी की नींद की कीमत […]

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क्या है ‘रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रेस्टिनेशन’, कहीं आप भी तो नहीं हैं इसके शिकार
  • April 28, 2024 4:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

नई दिल्ली: अगर आपने दिन में फोन या गैजेट्स का इस्तेमाल नहीं किया है लेकिन आप सोचते हैं कि कोई बात नहीं रात में चला लेंगे. जिसके चलते आप रात में अपनी नींद को जानबूझकर टालकर उन गतिविधियों को करते हैं. जिसके लिए आपके पास दिन में टाइम नहीं होता. यानी की नींद की कीमत पर मनोरंजन के लिए समय निकालने का तरीका. जो लोग ऐसा करते उन्हें इस बारे में पता होता है कि इसके नकाराकात्मक परिणाम हो सकते हैं. यदि आप भी अपनी नींद से दुश्मनी निभाते हैं तो आप रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रेस्टिनेशन के शिकार हैं.

रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रेस्टिनेशन के कारण

वैसे तो इस पर शोध जारी है लेकिन फिर भी कुछ रिसर्चर इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि दिन भर आप बिजी रहते हैं. फिर इसके बाद आप फोन, टीवी या अन्य गैजेट्स को रिलीफ के नाम पर, सूचना एकत्रित करने के नाम पर और मनोरंजन के नाम पर टाइम देकर देर रात घंटो जागते रहते हैं. ये मानकर की खुद को रिलैक्स कर रहे है. इस साइकोलॉजी के चलते आप नींद से समझौता करते हैं. पर आप रिलैक्स को नही बल्कि बड़ी मुश्किलों को बुलावा दे रहे होते हैं.

मजे के नाम पर मर्ज़

जरूरत से ज्यादा देर तक जागना कई परेशानियों को आपके नजदीक पहुंचा देता है. ये कई तरह के मानसिक और शारीरिक मुश्किलों को न्यौता देने जैसा है . बता दें कि एक एडल्ट को कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए. बच्चों को इससे भी ज्यादा. हां लेकिन कभी-कभी आप समय दे सकते हैं लेकिन अगर ये रेगुलर हैबिट बन चुकी है तो मुश्किल है. दरअसल कम नींद की वजह से सोचने समझने की क्षमता में कमी, एकाग्रता में कमी, कमजोर याददाश्त, एंजाइटी और चिड़चिड़ापन जैसी परेशानियां हो सकती हैं.

ये सिलसिला अगर यूं ही चलता रहा तो रोगों की गंभीरता भी बढ़ सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक कम नींद की वजह से दिल की बीमारियां, डायबिटीज, ओबेसिटी तक हो सकती है. इसका प्रभाव आपके इम्यून सिस्टम यानी कि रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी पड़ सकता है.

रिवेंज बेडटाइम प्रोक्रेस्टिनेशन से कैसे बचें?

इससे बचने का तरीका बहुत आसान है गुरू, मन मानकर फोन, टीवी और अन्य गैजेट्स को ऑफ कर दीजिए. इसके अलावा कमरे में जितनी भी स्क्रीन और लाइट हों उन्हें भी बंद कर दीजिए. ताकि दिमाग और नींद के बीच जारी जंग खत्म हो सके और आप आराम से नींद की आगोश में समा सकें.

अस्वीकारण: सलाह सहित ये लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है. यह किसी भी तरह से चिकित्सकीय राय अथवा उसका विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श लें . इनखबर इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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