नई दिल्ली: शुक्रवार 19 अप्रैल 2024 की आधी रात करीब दो बजे का वक्त रहा होगा. इस दौरान एक घर से अचानक चीखने की आवाजें सुनाई देती हैं. इसके बाद आसपास के लोग अपने-अपने घरों से निकलकर बाहर आते हैं. चीखनें की आवाजें सुनकर हैरान-परेशान लोग उस घर की तरफ जाते हैं और दरवाजा खटखटाते […]
नई दिल्ली: शुक्रवार 19 अप्रैल 2024 की आधी रात करीब दो बजे का वक्त रहा होगा. इस दौरान एक घर से अचानक चीखने की आवाजें सुनाई देती हैं. इसके बाद आसपास के लोग अपने-अपने घरों से निकलकर बाहर आते हैं. चीखनें की आवाजें सुनकर हैरान-परेशान लोग उस घर की तरफ जाते हैं और दरवाजा खटखटाते हैं, लेकिन दरवाजा नहीं खुलता. इस दौरान लोगों द्वारा पुलिस को फोन किया जाता है. कुछ ही समय में पीसीआर वैन पहुंच जाती है, तब तक उस घर का दरवाजा भी खुल चुका होता है. पुलिस जैसे ही घर के अंदर जाती हैं तो वहां का हाल देखकर उसके पैरों तले से जमीन खिसक जाती है. फर्श पर चारों तरफ खून ही खून नजर आ रहा था. घर के अंदर चार लाशें पड़ी थीं, जिन्हें बेरहमी से कत्ल किया गया था।
आपको बता दें कि यह मामला कर्नाटक के गडग इलाके में दासर गली कॉलोनी की है. जिस घर में कत्ल हुआ वो घर गडग बेटागेरी नगर परिषद की उपाध्यक्ष सुनंदा बकाले का है. इसमें सुनंदा बकाले और उनके पति प्रकाश बकाले बच गए थे. घर के अंदर चीखने की आवाज इन्हीं दोनों की थी. . घर के अंदर जिन चार लोगों का कत्ल हुआ, उनमें से एक सुनंदा बकाले का बेटा और बाकी 3 रिश्तेदार थे. पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए चारों लाशों को भिजवाया और जांच में जुट गई. कातिल पेशेवर थे इसलिए वो सबूत के तौर पर वहां पर कुछ नहीं छोड़ा था.
इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच के लिए घर में जिंदा बचे दोनों लोगों से पूछताछ की और आसपास के लोगों से भी पूछताछ किया, लेकिन कातिल का पता नहीं लगा. इस बीच पुलिस को एक सुराग मिला जिससे मामला साफ हो गया. दरअसल ये साजिश किसी और ने नहीं बल्कि प्रकाश बकाले और उसकी पहली पत्नी के बेटे विनायक बकाले ने रची थी. उसी ने कत्ल के लिए 65 लाख रुपए की सुपारी दी थी।
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