नई दिल्ली : स्पोर्ट्स हो या एडवेंचर स्पीड हर किसी की धड़कने तेज कर देती है. बता दें कि हवा से बात करने वाली रेसिंग कारें हर किसी को प्रेरित करती हैं. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी जगह है जो स्पीड प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं […]
नई दिल्ली : स्पोर्ट्स हो या एडवेंचर स्पीड हर किसी की धड़कने तेज कर देती है. बता दें कि हवा से बात करने वाली रेसिंग कारें हर किसी को प्रेरित करती हैं. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी जगह है जो स्पीड प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है? तो आइए आपको देश के दिल मध्य प्रदेश की इस जगह के बारे में बताते हैं.
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ये 11.3 किलोमीटर लंबे इस हाई स्पीड टेस्ट ट्रैक पर व्हीकल को 375 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक टेस्ट किया जा सकता है. बता दें कि नैट्रैक्स के प्रदर्शन का पूरी तरह से मूल्यांकन करने के लिए वाहनों को कठोर परीक्षणों की एक टेस्ट से गुजरना होगा, और इन सभी परीक्षणों के लिए यहां अलग-अलग रास्ते हैं, जिससे कंपनियों को दूसरे देशों में जाने की कोई आवश्यकता नहीं है, चाहे वो उच्च गति परीक्षण हो या स्वचालित परीक्षण. आइए जान लीजिए ऐसे 4 ट्रैक्स के बारे में
1. फटीग ट्रैक – ड्यूरेबिलिटी को टेस्ट करता है और बताता है कि आखिरकार गाड़ी कितनी टिकाऊ है.
2. ग्रेडिएंट ट्रैक – इसमें व्हीकल की टॉर्क कैपेसिटी और स्लोप पर पार्किंग ब्रेक की क्षमता को टेस्ट किया जाता है.
3. सस्टेनेबिलिटी ट्रैक – इसे पहाड़ी रास्तों पर ड्राइव करने जैसा बनाया गया है, जिससे यहां व्हीकल की कूलिंग परफॉरमेंस को भी टेस्ट किया जाता है.
4. डायनेमिक ट्रैक प्लेटफॉर्म – ये हैंडलिंग और स्टेबिलिटी टेस्ट करने के लिए बनाया गया है.
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