नई दिल्ली : देशभर में राम नवमी 17 अप्रैल 2024 को यानि कल मनाई जाएगी और इस बार राम नवमी का त्योहार बहुत ही खास है. बता दें कि इस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था, भगवान श्री राम विष्णु का अवतार हैं. दरअसल जिनका जन्म असत्य और अधर्म का अंत करने के […]
नई दिल्ली : देशभर में राम नवमी 17 अप्रैल 2024 को यानि कल मनाई जाएगी और इस बार राम नवमी का त्योहार बहुत ही खास है. बता दें कि इस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था, भगवान श्री राम विष्णु का अवतार हैं. दरअसल जिनका जन्म असत्य और अधर्म का अंत करने के उद्देश्य से हुआ था. भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है. इसका ये कारण है, उनका आचरण और आदर्श जीवन, जिसका अनुसरण कर कोई भी सही मार्ग पर चलकर सफलता को प्राप्त कर सकता है. एक श्रेष्ठ राजा होने के साथ ही श्री राम आदर्श बेटे, शिष्य, भाई, पति भी हैं. तो आइए जानते हैं कि प्रभु श्रीराम के इन गुणों के बारे में जिसे अपना कर जीवन बन सकता है सफल.
बता दें कि श्री राम बहुत दयालु थे , और उनकी सेना में इंसान, पशु और दानव सब थे. हालांकि उन्होंने बालि को हराकर सुग्रीव को राजा बनाया और शबरी के जूठे बेर खाए. साथ ही हनुमान, जामवंत और अंगद को सेना का नेतृत्व करने का अवसर दिया, ये श्रीराम के दयालु आचरण का बहुत ही बढ़िया उदाहरण है.
किसी व्यक्ति की सफलता उसके खुशहाल परिवार पर निर्भर करता है. भगवान राम ने माता कैकयी के कहने पर राजा का पद त्याग दिया. श्रीराम ने अपने तीनों छोटे भाईयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न को सगे भाई से बढ़कर प्यार दिया.
अयोध्या नरेश श्रीराम सहनशिल और धैर्यवान थे. माता कैकेयी की इच्छा को पूरा करने के लिए राम जी 14 वर्ष के वनवास पर चले गए, तो वहीं माता सीता को त्यागने पर खुद भी राजा होते हुए संन्यासी की तरह जीवन बिताने लगे. बता दें कि अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए प्रभु राम हमेशा सहलशील और धैर्यवान रहे.
एक आदर्श और दयालु राजा होने के साथ ही श्रीराम कुशल प्रबंधक भी थे. बता दें कि कम सैनिकों, संसाधनों के बिना भी इन्होंने अपने कौशल से लंका पर आक्रमण कर दिया और सेना के साथ मिलकर लंका पहुंचने के लिए पत्थर का सेतु तैयार कराया है. साथ ही अपने राज्य को राम राज बनाने के लिए बेहतर प्रबंधन किया.
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