नई दिल्ली : भारतीय बाजार में टेस्ला के प्रवेश को लेकर सबसे बड़ा सवाल है कि ये “कब” होगा. बता दें कि कंपनी ने कथित तौर पर वहां उत्पादन स्थापित करने के लिए स्थान तलाशने के लिए अधिकारियों को भेजा है, और ये पता चला है कि कंपनी ने पहले ही अपने जर्मन प्लांट में […]
नई दिल्ली : भारतीय बाजार में टेस्ला के प्रवेश को लेकर सबसे बड़ा सवाल है कि ये “कब” होगा. बता दें कि कंपनी ने कथित तौर पर वहां उत्पादन स्थापित करने के लिए स्थान तलाशने के लिए अधिकारियों को भेजा है, और ये पता चला है कि कंपनी ने पहले ही अपने जर्मन प्लांट में राइट-हैंड ड्राइव इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन शुरू कर दिया है. हालाँकि ये लगभग तय है कि टेस्ला मॉडल 3 यहां पेश होने वाला पहला इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) होगा, लेकिन ऐसा हो सकता है कि कंपनी एक ऐसी किफायती कार की योजनाओं से पीछे हट गई हो, जो कंपनी के अन्य कहीं भी बेचे जाने वाली कार की तुलना में कहीं ज्यादा सस्ती हो सकती थी.
इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिन्होंने दावा किया है कि उन्होंने कंपनी के संदेश देखे हैं. ये रिपोर्ट बताती है कि टेस्ला ने एक ईवी की अपनी योजना को छोड़ दिया है जो मॉडल 3 से ज्यादा किफायती है. मॉडल 3 इस समय टेस्ला की सबसे किफायती पेशकश है. बता दें कि टेस्ला दुनियाभर में बहुत लोकप्रिय है, लेकिन ज्यादातर बाजारों में जहां ये मौजूद है, इसकी ईवी की कीमत आम जनता के बजट के बाहर है.
मॉडल 3 की कीमत अमेरिका में 40,000 डॉलर (लगभग 33 लाख रुपये) से शुरू होती है. तो वहीं निसान लीफ (शुरुआती कीमत 29,280 डॉलर), मिनी कूपर एसई (शुरुआत कीम 31,895 डॉलर) और ह्यूंदै कोना (शुरुआती कीमत 34,050 डॉलर) जैसी कारें कई लोगों द्वारा तुलनात्मक रूप से वैल्यू फॉर मनी माने जाते हैं. दुनिया के सबसे बड़े ईवी बाजार चीन में, चुनौतियां बढ़ गई हैं, क्योंकि यहां स्थानीय खिलाड़ी अपने उत्पादों की कीमत के साथ बेहद आक्रामक हैं यानी अपनी ईवी सस्ते में बेचते हैं.
चीनी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता बड़े पैमाने पर एक बड़ी जंग छेड़ दी है और वैश्विक ब्रांड पर इसकी मार पड़ी है. खासतौर पर तब जब इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री घट रही है. बता दें कि टेस्ला ने विभिन्न बाजारों में कीमतों में कटौती की भी घोषणा की जहां कंपनी की उपस्थिति है, और उन्हें चीनी ब्रांडों से कहां प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए? टेस्ला कब तक प्राइस वार लड़ सकता है? इसे कब तक लड़ना चाहिए? और क्या उन्हें इस लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए? अमेरिकी कंपनी को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, खासकर चीनी कंपनी BYD से, BYD ने हाल ही में वैश्विक बिक्री में टेस्ला को पीछे छोड़ दिया है, लेकिन टेस्ला Q1 बिक्री में फिर से टॉप पोजिशन हासिल करने में सफल रही.