नई दिल्ली: अगर बिहार पर गौर किया जाए तो यह राज्य अच्छे से ज्यादा अपनी नेगेटिव इमेज के लिए जाना जाता है. घोटाले और शराब तस्करी के अलावा कई अन्य चीजों की वजह से बिहार बदनाम होता रहता है, लेकिन इस राज्य में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. यहां के कई ऐसे लोग हैं […]
नई दिल्ली: अगर बिहार पर गौर किया जाए तो यह राज्य अच्छे से ज्यादा अपनी नेगेटिव इमेज के लिए जाना जाता है. घोटाले और शराब तस्करी के अलावा कई अन्य चीजों की वजह से बिहार बदनाम होता रहता है, लेकिन इस राज्य में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. यहां के कई ऐसे लोग हैं जो देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
आज हम आपको एक ऐसे ही टैलेंटेड बिहारी के बारे में बताने जा रहे हैं. इस शख्स ने प्रोफ़ेसर की जॉब छोड़कर अपने गांव में कारोबार करने का फैसला किया. इस शख्स ने कारोबार कोई ऐसा-वैसा नहीं किया, बल्कि गांव के लोग जिस मकई के छिलके को कचरा समझकर खेतों में फेंक देते थे उसी से शख्स ने लाखों रूपये कमाया है. इन छिलकों से वो नेचुरल कप-प्लेट्स बनाता है।
आज के समय में ज्यादातर डिस्पोजल कप-प्लेट्स ही देखने को मिलते हैं, जिसे उपयोग करके फेंक दिया जाता है, इन्हें प्लास्टिक से ज्यादातर बनाया जाता है. तो चलिए आज हम इसी बारे में आपको बताते है. मुज्जफरपुर के रहने वाले मोहम्मद नाज औजेर है जो मक्के के छिलकों से कप-प्लेट्स बनाते हैं. उनके इस आइडिया ने लोगों का ध्यान खींचा लिया हैं. जब मोहम्मद नाज औजेर ने अपनी प्रोफ़ेसर की जॉब छोड़कर इस काम की शुरुआत की थी तब कई लोगों ने उसका मजाक बनाया था, लेकिन आज इस बिजनेस के कारण वो लाखों की कमाई कर रहे हैं।
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