नई दिल्ली। हमास और इजरायल (Israel) के बीच शुरू हुई जंग अब तक जारी है। युद्ध रुकवाने की तमाम कोशिशें अब तक नाकाम साबित हुई है। इसी बीच जानकारी सामने आई है कि इज़राइल अपने दुश्मनों की जानकारी जुटाने के लिए आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस का सहारा ले रहा है। बताया जा रहा है कि इजराइल ने […]
नई दिल्ली। हमास और इजरायल (Israel) के बीच शुरू हुई जंग अब तक जारी है। युद्ध रुकवाने की तमाम कोशिशें अब तक नाकाम साबित हुई है। इसी बीच जानकारी सामने आई है कि इज़राइल अपने दुश्मनों की जानकारी जुटाने के लिए आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस का सहारा ले रहा है। बताया जा रहा है कि इजराइल ने गास्पेल नामक एक AI सिस्टम विकसित किया है, जो हमास के आतंकियों की जानकारी जुटा रहा है।
इजराइल के ख़ुफ़िया अधिकारियों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट ने यह खबर प्रकशित की है कि गास्पेल सिस्टम के जरिए कॉल रिकार्ड्स, डिजिटल डेटा, सैटेलाइट इमेज, ड्रोन फ़ुटेज, सोशल मीडिया समेत अन्य जगहों से सूचना एकत्रित कर गाजा पर टार्गेट किया जा रहा है। AI तकनीक के माध्यम से एक दिन में 100 से अधिक टार्गेट को चयनित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त इजरायली सेना के पास लैवेंडर एवं दूसरे AI प्रोग्राम भी है, जिसका इस्तेमाल युद्ध के लिए किया जा रहा है।
इजराइली इंटेलिजेंस चीफ ने बताया कि AI मशीन इस बात का डेटा भी रखती है कि कौन व्यक्ति कितनी बार अपना मोबाइल फ़ोन या हैंडसेट या फिर मोबाइल नंबर बदल रहा है। कौन कितनी बार अपनी लोकेशन या एड्रेस को चेंज कर रहा है। इस तकनीक को लेकर इजराइली डिफेंस फोर्स का कहना है कि AI सिस्टम टार्गेट खुद चुनता है लेकिन इस पर अंतिम फैसला कोई सीनियर सैन्य अधिकारी ही लेते हैं। वहीं इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद IDF की रणनीति और फैसले पर दुनिया भर में सवाल उठने लगे हैं।
Also Read- RAW Agents in Pakistan: पाकिस्तान में घुसकर दुश्मनों को खत्म कर रहा भारत, रिपोर्ट में खुलासा