नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार यानी 1 अप्रैल को मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक के 90 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी हिस्सा लेंगे। इन दिनों प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में जुटे […]
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार यानी 1 अप्रैल को मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक के 90 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक समारोह को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी हिस्सा लेंगे। इन दिनों प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं। वह लगातार जनसभा भी कर रहे हैं और लोगों को उनकी सरकार द्वारा किए गए कार्य को गिना रहे हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत की गई थी और 1 जनवरी 1949 को इसका राष्ट्रीयकरण किया गया था। बता दें कि बैंक केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, वाणिज्यिक बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों के लिए बैंकर के रूप में कार्य करता है।
आरबीआई रुपये के विनिमय मूल्य की स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत की सदस्यता के संबंध में सरकार के एजेंट के रूप में कार्य करता है। रिजर्व बैंक विभिन्न प्रकार के विकासात्मक और प्रचारात्मक काम भी करता है। इनके अलावा, रिजर्व बैंक भारत सरकार के ऋण कार्यक्रमों की भी देखभाल करता है।
भारत में एक रुपये के सिक्कों से लेकर नोटों के अलावा अन्य मुद्रा जारी करने का एकमात्र अधिकार रिजर्व बैंक के पास है। केंद्र सरकार के एजेंट के रूप में, रिजर्व बैंक एक रुपये के नोटों और सिक्कों के साथ-साथ सरकार द्वारा जारी किए गए छोटे सिक्कों का वितरण भी करता है।