नई दिल्ली : जबकि दुनिया में करीब 80 करोड़ लोग आज भी भूखे पेट सो रहे हैं. आपको बता दें कि ये तीन आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं, और इससे पता चलता है कि एक तरफ तो लोगों को पेट भरने के लिए पर्याप्त खाना नहीं मिल पाता है और दूसरी तरफ हर साल बहुत […]
नई दिल्ली : जबकि दुनिया में करीब 80 करोड़ लोग आज भी भूखे पेट सो रहे हैं. आपको बता दें कि ये तीन आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं, और इससे पता चलता है कि एक तरफ तो लोगों को पेट भरने के लिए पर्याप्त खाना नहीं मिल पाता है और दूसरी तरफ हर साल बहुत सारा खाना बर्बाद हो जाता है. ये सारी जानकारी संयुक्त राष्ट्र की ‘फूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट 2024’ रिपोर्ट में शामिल है, और 2022 का डेटा लिया गया है. कहा जा रहा है कि 2022 में एक साल में दुनिया भर में 1.05 अरब टन अनाज बर्बाद हो गया.
भोजन की बर्बादी अमीर या बड़े देशों तक ही सीमित नहीं है. दरअसल छोटे और गरीब देश लगभग समान मात्रा में उतनी ही बर्बादी करते हैं . साथ ही शहरों की तुलना में गांवों में कम खाना बर्बाद होता है. ऐसा आंशिक रूप से इसलिए है क्योंकि शहरों की तुलना में गांवों में अधिक पालतू जानवर हैं , या फिर गांवों में भोजन वितरित कर देते है. इसी वजह से शहरों की तुलना में गांवों में कम खाना बर्बाद होता है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि हर साल हर भारतीय औसतन 55 किलो खाना बर्बाद कर देता है. इस हिसाब से भारतीय परिवारों में सालाना 7.81 करोड़ टन से ज्यादा अनाज बर्बाद हो जाता है. ख़बरों के अनुसार भारत के पड़ोसी मुल्कों में खाने की सबसे ज्यादा बर्बादी चीन में होती है. बता दें कि चीन में हर व्यक्ति सालभर में औसतन 76 किलो खाना बर्बाद करता है. इस हिसाब से वहां सालभर में परिवारों में 10.86 करोड़ टन खाना बर्बाद हो जाता है.
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