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Chanakya Niti: अगर आप बसाना चाहते है अपना घर, तो इन जगहों से बनाये दूरियां

नई दिल्ली : आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन, कार्य, व्यवसाय, रिश्ते, मित्र और शत्रु के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से अपने विचार बताए हैं. चाणक्य नीति कहती है कि मानव जीवन अनमोल है. यदि हमें अपने जीवन को सफल और सार्थक बनाना है तो हर किसी को कुछ बातें हमेशा […]

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Chanakya Niti: अगर आप बसाना चाहते है अपना घर, तो इन जगहों से बनाये दूरियां
  • March 29, 2024 1:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 months ago

नई दिल्ली : आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन, कार्य, व्यवसाय, रिश्ते, मित्र और शत्रु के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से अपने विचार बताए हैं. चाणक्य नीति कहती है कि मानव जीवन अनमोल है. यदि हमें अपने जीवन को सफल और सार्थक बनाना है तो हर किसी को कुछ बातें हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए. इसके अलावा आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक “चाणक्य नीति” में श्लोक लोकयात्रा भयं लज्जा दाक्षिण्यं त्यागशीलता। पञ्च यत्र न विद्यन्ते न कुर्यात्तत्र संगतिम् ॥ ” में बताया गया है कि व्यक्ति को किन स्थानों पर अपना घर नहीं बनाना चाहिए. इन जगहों पर घर बसाने से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो आइये इसके बारें में जानते हैं…

Chanakya Niti: Keep Negative People At Bay By Following These Strategies -  Boldsky.com
1. आचार्य चाणक्य ने कहा हैं कि जहां पर लोक-लाज का भय नहीं होता है, ऐसी जगह पर भी घर नहीं बनाना चाहिए, वहीं जिस जगह सामाजिक भाव सबसे ऊपर होता है, वहां पर घर बसाना सबसे अच्छा माना जाता है.

2. आचार्य चाणक्य के मुताबिकउस देश को छोड़ देना ही बेहतर है जहां आपके साथ सम्मान का व्यवहार नहीं किया जाता है, जहां आपके पास न आजीविका है, न दोस्त और रिश्तेदार हैं और न ही ज्ञान या कौशल हासिल करने का कोई अवसर है.बता दें कि कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश या स्थान पर रहना चाहता है. क्योंकि अगर आप वहां जाएंगे तो नई चीजें, नया ज्ञान, काम और नए कौशल सीख सकते हैं, और इन सुविधाओं के बिना किसी देश या स्थान की यात्रा करने का कोई मतलब नहीं है.चाणक्य नीति: अगर बिजनेस में पाना चाहते हैं सफलता तो याद रखें ये 3 बातें |  Jansatta

3. चाणक्य नीति में जिस जगह वेद को जानने वाला ब्राह्मण, धनिक, राजा, नदी और वैद्य न हों, उस स्थान पर मनुष्य को एक दिन भी नहीं रहना चाहिए.

4. चाणक्य नीति के अनुसार जिस देश के लोगों में दान देने की भावना ना हो ऐसे स्थान पर भी नहीं रहना चाहिए, क्योंकि दान देने से ना सिर्फ पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि अंतरात्मा भी पवित्र होती है.

5. बता दें कि आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को उस जगह पर रहना चाहिए, जहां व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए कानून न तोड़े. बल्कि दूसरों के हित के लिए कार्य करे एवं समाज सेवा करे. जहां लोग मिलजुल कर रहते हैं व्यक्ति को ऐसी जगह पर रहना चाहिए.

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