नई दिल्ली। अपनी पत्नी को हनीमून के दौरान ‘सेकंड हैंड वाइफ’ कहना पति को भारी पड़ गया है। बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को घरेलू हिंसा करने के मामले में और ‘सेकंड हैंड वाइफ’ कहने को लेकर निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें महिला को 3 करोड़ रुपये का […]
नई दिल्ली। अपनी पत्नी को हनीमून के दौरान ‘सेकंड हैंड वाइफ’ कहना पति को भारी पड़ गया है। बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को घरेलू हिंसा करने के मामले में और ‘सेकंड हैंड वाइफ’ कहने को लेकर निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें महिला को 3 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया था।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने कहा कि दोनों शिक्षित हैं. घरेलू हिंसा उस महिला के आत्मसम्मान को प्रभावित करती है, जिसको ‘सेकंड हैंड वाइफ’ कहा गया। उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि निचली अदालत ने सही निर्णय दिया है। कोर्ट ने कहा कि हमें इसमें कोई गलती नहीं लग रही।
अमेरिकी नागरिक और पति ने निचली अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। बता दें कि पति और पत्नी दोनों अमेरिकी नागरिक हैं और 1994 में शादी की थी। फिर दोनों 2005 में मुंबई में रहने लगे, बाद में पति 2014 में अकेले ही अमेरिका चले गए। उन्होंने 2017 में यहां तलाक के लिए मुकदमा दायर किया। वहीं साल 2017 में ही पत्नी ने मुंबई में घेरलू हिंसा के तहत मामला दर्ज कराया था।