नई दिल्ली : आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि पृथ्वी का 70 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ है, लेकिन इसमें से केवल 3 प्रतिशत ही पीने योग्य है. पानी लोगों, जानवरों, पेड़-पौधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण संसाधन है. बता दें कि मनुष्य भोजन के बिना कई दिनों तक जीवित रह सकता है, लेकिन पानी […]
नई दिल्ली : आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि पृथ्वी का 70 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ है, लेकिन इसमें से केवल 3 प्रतिशत ही पीने योग्य है. पानी लोगों, जानवरों, पेड़-पौधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण संसाधन है. बता दें कि मनुष्य भोजन के बिना कई दिनों तक जीवित रह सकता है, लेकिन पानी के बिना जीवन अकल्पनीय है. हालांकि पानी का साफ़ दिखना इसकी गारंटी नहीं देता कि ये पीने के लिए सुरक्षित है. तो आप इन तरीकों का उपयोग करके घर पर ही जांच सकते हैं कि जो पानी आप पीते हैं वो आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है या नहीं.
TDS का उपयोग पानी की शुद्धता जांचने के लिए किया जाता है. इससे पुष्टि हो जाएगी कि पानी पीने के लिए सुरक्षित है या नहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार अगर पानी में TDS का स्तर 100 से 250 ppm के बीच है तो पानी पीने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है, और अगर मान इस मान से अधिक या कम है, तो ये गलत है.
TDS चेक के लिए थर्मामीटर जैसी ही मशीन आती है. एक गिलास में पानी लेकर इस डिवाइस के आगे के सिरे को उसमें 1 मिनट के लिए डालकर छोड़ दीजिए, डिवाइस में एक स्क्रीन होती है जिसपर पानी का TDS आ जाता है.
pH लेवल दिखाता है कि पानी कितना हार्ड है और कितना सॉफ्ट, pH 7 मतलब पानी शुद्ध. अगर पानी का pH लेवल 7 से नीचे है, तो इसे हार्ड वॉटर माना जाता है कि इसे एसिडिक यानी अम्लीय पानी कहते हैं. अगर पानी का pH लेवल 7 से ज्यादा है तो इसे ऐल्कलाइन यानी क्षारीय पानी कहा जाता है. पीने योग्य पानी का pH लेवल 7 से 8 के बीच हो तो बेहतर.
ORP मतलब Oxidation Reduction Potential, पानी में ORP की मात्रा नेगेटिव 1500 (-1500) mV से लेकर प्लस 1500 (+1500) mV तक हो सकती है. ORP जितना ज्यादा निगेटिव होगा, पानी उतना साफ माना जाता है. अगर किसी जगह के पानी का ORP -400 mV है, तो वो पानी बहुत ही साफ है. तो वहीं अगर ORP +400 है, तो वो पीने लायक नहीं, पीने वाले पानी का ORP -400 mV से -200 mV के बीच होना सही माना जाता है.