नई दिल्ली. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि पूरी दुनिया में इस समय ‘असहिष्णुता का माहौल’ है. यह आज के भारत को एकजुट रखने वाले मूल्यों को ताकत देने और दुनिया भर में उसके प्रचार-प्रसार करने का वक्त है.
भारतविदों के पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मुखर्जी ने कहा कि पूरी दुनिया इस समय जैसे घृणा के माहौल से जूझ रही है, ऐसा पहले कभी नहीं रहा. उन्होंने कहा, “इस तरह के मुश्किल समय में अपने सांस्कृतिक मूल्यों, लिखित एवं अलिखित संस्कारों, कर्तव्यों और भारतीय जीवनपद्धति को फिर से जीवित करना ही एकमात्र उपाय हो सकता है.”
राष्ट्रपति ने स्वामी विवेकानंद का यह संदेश दोहराया कि दुनिया को भारत से अभी भी एक सीख लेने की जरूरत है, और वह है सहिष्णुता और संवेदनशीलता की. इस अवसर पर राष्ट्रपति ने जर्मनी के एमरिटस हेनरिख फ्रेहर वॉन स्टीएटेनक्रॉन को ‘डिस्टिंग्विस्ट इंडोलॉजिस्ट अवार्ड’ प्रदान किया.
तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में चीन, रूस, श्रीलंका और भारत के 22 इंडोलॉजिस्ट्स हिस्सा ले रहे हैं.