नई दिल्ली। एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक (Neuralink) जो दिमाग़ी चिप बनाने का काम करती है, उसने आज यानि गुरुवार को अपने पहले मरीज़ को सामने लाया है। ये व्यक्ति सिर्फ अपने विचारों की मदद से ऑनलाइन शतरंज और वीडियो गेम खेल सकता है। इसके साथ ही अब ये साबित हो गया है कि न्यूरालिंक […]
नई दिल्ली। एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक (Neuralink) जो दिमाग़ी चिप बनाने का काम करती है, उसने आज यानि गुरुवार को अपने पहले मरीज़ को सामने लाया है। ये व्यक्ति सिर्फ अपने विचारों की मदद से ऑनलाइन शतरंज और वीडियो गेम खेल सकता है। इसके साथ ही अब ये साबित हो गया है कि न्यूरालिंक डिवाइस का इस्तेमाल करके ऐसा कर पाना अब संभव है। इस समय इंटरनेट पर इस वीडियो को खूब शेयर किया जा रहा है जिसमें एक मरीज चिप लगाए दिखाई दे रहा है।
सोशल मीडिया पर शेयर हुए इस वीडियो में दिखाई दे रहे मरीज ने अपना परिचय 29 वर्षीय नोलैंड अरबॉघ के रूप में दिया है। जिसका कंधे से नीचे का शरीर एक डाइविंग दुर्घटना के बाद लकवाग्रस्त हो था। इस वीडियो में उन्हें अपने लैपटॉप पर शतरंज खेलते और न्यूरालिंक डिवाइस का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, अगर आप सभी स्क्रीन पर कर्सर को घूमते हुए देख सकते हैं, तो यह सब मैं ही कर रहा हूं।
Livestream of @Neuralink demonstrating “Telepathy” – controlling a computer and playing video games just by thinking https://t.co/0kHJdayfYy
— Elon Musk (@elonmusk) March 20, 2024
नोलैंड अरबॉघ ने आगे कहा, यह काफी शानदार है। वीडियो में अरबॉघ को ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस का इस्तेमाल करने की प्रक्रिया का वर्णन करते हुए भी देखा जा सकता है। वो कहते हैं कि मैं कोशिश करता, मान लीजिए, अपने दाहिने हाथ को हिलाने के लिए, बाएं, दाएं, आगे, पीछे, और वहां से मुझे लगता है कि यह मेरे लिए कर्सर को हिलने की कल्पना करने के लिए सहज हो गया। अरबॉघ का कहना है कि वो खुद को न्यूरालिंक अध्ययन का हिस्सा बनने के लिए भाग्यशाली मानते हैं। उन्होंने कहा कि मैं यह बयां भी नहीं कर सकता कि ऐसा करने में सक्षम होना कितना शानदार है।
दरअसल, न्यूरालिंक एक ब्रेन-चिप एलन मस्क के द्वारा साल 2016 स्थापित किया गया एक स्टार्टअप है। जिसमें न्यूरालिंक चिप एक छोटा, सिक्के के आकार का उपकरण है जो मस्तिष्क में लगाया जाता है। यह इलेक्ट्रोड से भरा होता है जो कि मस्तिष्क की गतिविधि को रिकॉर्ड कर सकता है और उसे कंप्यूटर को ट्रांसफर भी कर सकता है। जिससे कंप्यूटर, मस्तिष्क से मिले संकेतों का इस्तेमाल विभिन्न कार्यों को करने के लिए कर सकता है, जैसे-
विकलांग लोगों को मिलेगी मदद: न्यूरालिंक चिप का इस्तेमाल रीढ़ की हड्डी की चोट या स्ट्रोक से पीड़ित लोगों को फिर से चलने या बोलने में मदद करने के लिए किया जा सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों का इलाज: न्यूरालिंक चिप का इस्तेमाल अवसाद, चिंता और PTSD जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों का इलाज करने के हो सकता है।
संज्ञानात्मक क्षमताओं को बढ़ाना: न्यूरालिंक चिप का इस्तेमाल हमारी याददाश्त, ध्यान और सीखने की क्षमता को बेहतर बनाने के हो सकता है।
बता दें कि न्यूरालिंक चिप मस्तिष्क की गतिविधि को रिकॉर्ड करने के लिए इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल करती है। ये इलेक्ट्रोड मस्तिष्क से निकलने वाले विद्युत संकेतों को पकड़ते हैं और फिर इन संकेतों को कंप्यूटर को ट्रांसफर कर देते हैं। जिसके बाद कंप्यूटर उनका उपयोग विभिन्न कार्यों को करने के लिए करता है। हालांकि, न्यूरालिंक चिप अभी भी अपने विकास के शुरुआती चरण में है लेकिन इसमें मानव जीवन को बेहतर बनाने की बड़ी क्षमता देखी जा रही है। ये अभी व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं है और इसका उपयोग केवल नैदानिक परीक्षणों के लिए किया जा रहा है।