नई दिल्ली। देश में 25 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा। इस मौके पर देश भर में रंग और उल्लास के साथ होली मनाई जाएगी। यही नहीं इस दिन देश के अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा करने का विधान भी है। होली से पहले लोग, होलिका पूजन की तैयारियां शुरू कर […]
नई दिल्ली। देश में 25 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा। इस मौके पर देश भर में रंग और उल्लास के साथ होली मनाई जाएगी। यही नहीं इस दिन देश के अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा करने का विधान भी है। होली से पहले लोग, होलिका पूजन की तैयारियां शुरू कर देते हैं।
होली का त्योहार सनातन धर्म में एक विशेष महत्व रखता है। इस दिन लोग होली का त्योहार मनाने के लिए अपने घर अवश्य आते हैं। लोग एक दूसरे को रंग और अबीर-गुलाल लगाकर दोस्ती और भाईचारे का संदेश देते हैं। इसके साथ ही आपने देखा होगा कि होली पर बहुत सारे लोग सफेद कपड़े पहनकर होली खेलते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि होली पर सफेद कपड़ा पहनना फैशन है या इसके पीछे कोई धार्मिक मान्यता है?
दरअसल, शूकर क्षेत्र फाउंडेशन के अध्यक्ष और ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित का कहना है कि होली भाईचारे का प्रतीक है और सफेद कपड़ा शांति और अमन का। ऐसे में होली के दिन सभी को आपसी मनमुटाव को भूलते हुए एक-दूसरे से प्रेम से मिलना चाहिए। इस मौके पर सफेद कपड़े पहनने से व्यक्ति मानसिक रूप से शांत और शुद्ध रहता है। इसके अलावा वह हर तरह की चिंता और भय से मुक्त रहता है। आप इस दिन शांत रहकर अपने दिन की नई शुरूआत कर सकते हैं।
यूं तो इसके पीछे का ज्योतिष कारण कहता है कि होली के अवसर पर राहु देव का स्वभाव उग्र हो जाता है, ऐसे में राहु के दुष्प्रभाव के कारण इंसान बुरी संगत में पड़ जाता है। जिससे उस व्यक्ति में निगेटिव एनर्जी आ जाती है। यही नहीं इंसान की भाषा अत्यधिक कठोर हो जाती है और उसका पारिवारिक संबंध भी बिगड़ जाता है। इस दिन राहु के प्रकोप से बचने के लिए सफेद वस्त्र धारण किया जाता है।