नई दिल्ली। धार्मिक समूहों के आधार पर प्यू रिसर्च सेंटर की तरफ से हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की गई है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अगली आधी शताब्दी में सबसे बड़े धर्म के रूप में ईसाई धर्म का दबदबा खत्म हो जाएगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2015 से 2060 के बीच मुस्लिमों […]
नई दिल्ली। धार्मिक समूहों के आधार पर प्यू रिसर्च सेंटर की तरफ से हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की गई है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अगली आधी शताब्दी में सबसे बड़े धर्म के रूप में ईसाई धर्म का दबदबा खत्म हो जाएगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2015 से 2060 के बीच मुस्लिमों की विश्व भर में जनसंख्या दोगुनी गति से बढ़ेगी। बता दें कि 2050 के बाद वो ईसाई धर्म से आगे निकल जाएगी तथा विश्व भर में सर्वाधिक जनसंख्या वाला पहला धर्म बन जाएगा।
यही नहीं रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आने वाले दशकों में दुनिया की आबादी लगभग 32% तक बढ़ सकती है। इसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों की संख्या 70% तक बढ़ने की संभावना जताई गई है। 2015 में मुसलमानों की संख्या पूरे दुनिया में लगभग 1.8 अरब थी। ऐसी संभावना जताई जा रही है 2060 में ये संख्या बढ़कर 3 अरब हो जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार अगले 45 सालों में विश्व के 10 में से 3 लोग (31.1%) मुस्लिम होंगे। अध्ययन के मुताबिक, औसतन एक मुस्लिम महिला के 2.9 बच्चे हैं। वहीं ईसाई धर्म में ये आंकड़ा 2.6 है।
मुस्लिम आबादी की बढ़ोत्तरी में एक प्रमुख वजह ये भी है कि अन्य धर्मों के अलावा मुसलमानों की औसत आयु (2015 के अनुसार 24) सबसे कम है। वहीं गैर-मुसलमानों की औसत आयु (2015 के अनुसार 32) जो की अधिक है। आने वाले समय में मुसलमानों का एक बड़ा हिस्सा युवा होगा। इस दौरान उनके अंदर बच्चे पैदा करने की क्षमता ज्यादा होगी। भविष्य में जनसंख्या बढ़ने का एक बड़ा कारण ये भी है।
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