नई दिल्लीः लोकसभा के चलते आचार संहिता कभी भी लागू किया जा सकता है। जिसको देखते हुए राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक धराधर फैसले ले रही है। इस बार महाराष्ट्र सरकार ने कैबिनेट की बैठक में कई फैसले लिए है लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा है अहमदनगर के नाम को बदले जाने को लेकर। […]
नई दिल्लीः लोकसभा के चलते आचार संहिता कभी भी लागू किया जा सकता है। जिसको देखते हुए राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक धराधर फैसले ले रही है। इस बार महाराष्ट्र सरकार ने कैबिनेट की बैठक में कई फैसले लिए है लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा है अहमदनगर के नाम को बदले जाने को लेकर। महाराष्ट्र कैबिनेट ने इसको मंजूरी दे दी है। अहमदनगर जिला का नाम बदलकर अब अहिल्या नगर करने का फैसला किया गया है। इससे पहले औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव रखा गया था।
इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में 8 रेलवे स्टेशनों के नाम को बदलने पर सहमति दे दी गई है। जो ब्रिटिश ने नाम दिए थे उसे अब बदला जाएगा। साथ ही कैबिनेट ने उत्तान और विरार के बीच समुद्री लिंक बनाने को भी मंजूरी दे दी है। वहीं काफी दिनों से धरने पर बैठे आशा कार्यकर्ता को महाराष्ट्र सरकार ने बड़ी सौगात दी है। उनसे मासिक वेतन में 5000 रुपए की बढ़ोतरी की गई है।
वहीं कैबिनेट की बैठक ने जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में महाराष्ट्र भवने बनाने के लिए 2.5 एकड़ जमीन खरीदने को भी हरी झंडी दे दी है। इसके लिए बजट प्रस्ताव महाराष्ट्र विधानसभा के पिछले बजट सत्र में राज्य के बजट में पहले ही पेश किया जा चुका है।