नई दिल्लीः असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एनआरसी को लेकर बड़ी बात बोल दी है। उन्होंने 12 मार्च यानी मंगलवार को कहा कि अगर राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाले किसी व्यक्ति को नागरिकता मिल जाती है तो वह इस्तीफा देने वाले पहले व्यक्ति होंगे। उन्होंने बयान ऐसे समय पर दिया […]
नई दिल्लीः असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एनआरसी को लेकर बड़ी बात बोल दी है। उन्होंने 12 मार्च यानी मंगलवार को कहा कि अगर राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाले किसी व्यक्ति को नागरिकता मिल जाती है तो वह इस्तीफा देने वाले पहले व्यक्ति होंगे। उन्होंने बयान ऐसे समय पर दिया है जब सोमवार को केंद्र सरकार ने नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 को अमलीजामा दे दिया है। वहीं विपक्षी दल इसको लेकर सरकार पर हमलावर है।
वहीं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शिवसागर में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद बात करते हुए कहा कि मैं असम का बेटा हूं और अगर एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले एक भी व्यक्ति को नागरिकता मिलती है तो मैं इस्तीफा देने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएए में कुछ भी नया नहीं है क्योंकि यह पहले लागू किया गया था और अब पोर्टल पर आवेदन करने का वक्त आ गया है। सरमा ने कहा कि पोर्टल पर डेटा से यह साफ हो जाएगा कि अधिनियम का विरोध करने वालों के दावे तथ्यात्मक रूप से सही हैं या नहीं।
बता दें कि कल ही नागरिकता अधिनियम 2019 लागू किया गया है। जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों यानी की हिंदू, सिख, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। वहीं नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू होने के बाद से पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था चौकस कर दिया गया है। वहीं देश भर में सीएए लागू होने के बाद लोगों ने इसका दिल खोल कर स्वागत भी किया।