नई दिल्ली: डीआरडीओ को मिशन दिव्यास्त्र सफल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है. पीएम ने लिखा है, ‘मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है, मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 […]
नई दिल्ली: डीआरडीओ को मिशन दिव्यास्त्र सफल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है. पीएम ने लिखा है, ‘मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है, मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण.’
Proud of our DRDO scientists for Mission Divyastra, the first flight test of indigenously developed Agni-5 missile with Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle (MIRV) technology.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 11, 2024
1- अग्नि-5 मिसाइल सरफेस टू सरफेस तक मार करने वाली देश की पहली और इकलौती इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है.
2- ये मिसाइल पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक मार सकती है. बता दें कि इसकी रेंज में पूरा चीन आ जाएगा. चीन के अलावा यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्से भी इसकी जद में आएंगे.
3- अग्नि-5 मिसाइल मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटबल व्हीकल (MIRV) से पूरी तरह लैस है. यानी इसको एक साथ मल्टीपल टार्गेट के लिए लॉन्च किया जा सकता है.
4- ये मिसाइल करीब डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है. वहीं, इसकी स्पीड आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा तेज है.
5- इस वक्त ऐसी इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल भारत के अलावा दुनिया के सिर्फ 8 देशों के पास है. जिनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन, इजरायल, ब्रिटेन और उत्तर कोरिया शामिल हैं.
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