आगरा. सच्चर कमेटी (मुस्लिम कोटा) की सिफारिश करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राजेंद्र सच्चर ने गोमांस पर जारी बहस में एक नया मोड़ ला दिया है. आगरा में जारी इस्लामिक कॉन्फ्रेंस में जस्टिस सच्चर ने कहा कि दुनिया में बीफ का बिजनेस तो मुस्लिमों से ज्यादा हिंदू कर रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर उन्हें ज़रुरत पड़ी तो वे भी बीफ खाने के लिए तैयार हैं.
सच्चर ने कहा कि बीफ ट्रेड करने वाले 95% हिंदू हैं. कोई अपने घर में क्या खाता है, इसका धर्म के साथ कोई लेना-देना नहीं है. मैं भी बीफ खा सकता हूं. इसके बाद भी हमारे देश में दादरी जैसी घटना होती है, जो बेहद शर्मनाक है. सच्चर ने कहा कि यहां तो एमएलए और एमपी की भी बीफ कंपनियां हैं, तब सिर्फ आम आदमी को ही निशाने पर क्यों लिया जाता है. किसी के खाने-पीने पर कोई कैसे पांबदी लगा सकता है.
सच्चर ने जैसे ही ये बातें कहीं, कॉन्फ्रेंस में मौजूद बाकी लोगों ने इसका विरोध किया. विरोध करने वाले लाइट, फैन ऑफ कर हॉल से जाने लगे, ताकि सच्चर अपनी बात यहीं खत्म कर दें. मथुरा डिग्री कॉलेज के एक टीचर शिवराम भारद्वाज ने कहा कि कॉन्फ्रेंस में सच्चर का विरोध हुआ. ये आपके निजी विचार हो सकते हैं, लेकिन जब आप किसी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर बात करते हैं, तो शब्दों का ध्यान रखना चाहिए.