कोलकाता/नई दिल्लीः देश की पहली अंडरवॉटर मेट्रो जल्द ही परिचालन में लाई जाएगी। कोलकाता में हुगली नदी के नीचे मेट्रो सुरंग बनाई जाएगी। इस टनल की लंबाई 16.6 किलोमीटर है. अंडरवाटर मेट्रो हुगली नदी के तल के नीचे 32 किलोमीटर की गहराई पर स्थित होगी। यह मेट्रो हावड़ा को कोलकाता से जोड़ेगी. यह सबवे सुरंग […]
कोलकाता/नई दिल्लीः देश की पहली अंडरवॉटर मेट्रो जल्द ही परिचालन में लाई जाएगी। कोलकाता में हुगली नदी के नीचे मेट्रो सुरंग बनाई जाएगी। इस टनल की लंबाई 16.6 किलोमीटर है. अंडरवाटर मेट्रो हुगली नदी के तल के नीचे 32 किलोमीटर की गहराई पर स्थित होगी। यह मेट्रो हावड़ा को कोलकाता से जोड़ेगी. यह सबवे सुरंग ईंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है। 4.8 किमी लंबा हावड़ा मैदान-एस्प्लेनेड मेट्रो खंड हुगली के नीचे दो सुरंगों का निर्माण करने वाला देश का पहला मेट्रो प्रोजेक्ट है। मेट्रो नदी के नीचे से गुजरेगी. परिचालन शुरू होने पर हावड़ा देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन भी होगा।
1. हुगली नदी के अंदर की 520 मीटर दूरी को मेट्रो ट्रेन सिर्फ 45 सेकंड में पूरी कर लेगी।
2. इस मेट्रो में ऑटोमेटिक ट्रेन ऑपरेशन सिस्टम है यानी मोटरमैन के बटन दबाते ही ट्रेन अपने आप अगले स्टेशन के लिए मूव करना शुरू कर देगी।
3. अधिकतम रफ्तार 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की होगी।
4. यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेन को कोच (रेक) में अच्छा ग्रैब हैंडल और हैंडल लूप के साथ-साथ एंटी-स्किड फर्श और अग्निशामक मशीन भी इसमें रहेंगी।
5. इमरजेंसी स्थिति में यात्री टाक टू ड्राइवर यूनिट के माध्यम से मोटरमैन के साथ वार्ता भी कर सकेंगे।
6. प्रत्येक कोच की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी मौजूद रहेंगे। प्रत्येक कोच में हाई क्लास सुविधाएं मिलेगी।
7. हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक जाने में मात्र 6 मिनट का वक्त लगेगा।
8. कुल 16 किलोमीटर के मार्ग में 10.8 किमी जमीन के अंदर से है। इसमें नदी का नीचे का हिस्सा शामिल है।
9. पानी के अंदर से गुजरने वाली मेट्रो गंगा की सहायक नदी हुगली के नीचे तलहटी से 13 मीटर नीचे से गुजरेगी। दोनों टनल समानांतर बनाए हैं।
10. इस मेट्रो में साल 2035 तक 10 लाख यात्री सफर कर सकेंगे।
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