Advertisement

Kisan Andolan: कल शुभकरण की अंतिम अरदास पर किसान करेंगे फैसला, फिलहाल दिल्ली कूच नहीं

नई दिल्ली: शंभू और खनौरी सीमा पर हड़ताल कर रहे किसानों ने दिल्ली कूच करने का फैसला 3 मार्च तक के लिए रोक दिया है, और शंभू सीमा पर किसान नेता मंजीत सिंह राय और बलदेव जीरा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इसकी घोषणा का शुभकरण अंतिम अरदास पर की जाएगी. 3 मार्च […]

Advertisement
Kisan Andolan: कल शुभकरण की अंतिम अरदास पर किसान करेंगे फैसला, फिलहाल दिल्ली कूच नहीं
  • March 2, 2024 1:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्ली: शंभू और खनौरी सीमा पर हड़ताल कर रहे किसानों ने दिल्ली कूच करने का फैसला 3 मार्च तक के लिए रोक दिया है, और शंभू सीमा पर किसान नेता मंजीत सिंह राय और बलदेव जीरा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इसकी घोषणा का शुभकरण अंतिम अरदास पर की जाएगी. 3 मार्च को दिल्ली कूच के दौरान, दिल्ली जाने वाले अन्य मार्गों जैसे शंभू और खनौरी पर भी मोर्चे बनाए जा रहे हैं. Farmers' Protest Highlights: Farm leaders reject govt's proposal of  suspending farm laws for 1.5 yearsबता दें कि इसकी शुरूआत डबवाली से की गई है और यहां बड़ी संख्या में किसान भी जुटेंगे. यदि सरकार किसानों को आगे बढ़ने की इजाजत देती है तो ठीक है, नहीं तो किसान यहीं फंसे रहेंगे क्योंकि आंदोलनकारी किसान समूह नहीं चाहते कि संघर्ष में किसी और की जान जाए.

अरदास पर किसान करेंगे फैसलाHighlights| Will go to Singhu, again stand with farmers: activist Nodeep  kaur | Hindustan Times

सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल रविवार को बठिंडा के बल्लो गांव में शुभकरण के अंतिम अरदास के अवसर पर आधिकारिक घोषणा करेंगे. बता दें कि उन्होंने लोगों से बड़ी संख्या में वहां आने को कहा है. किसानों का आरोप है कि हरियाणा सरकार ने आंसू गैस के गोले दागने के लिए इजराइल से ड्रोन का इस्तेमाल किया है. किसानों ने साफ कर दिया है कि एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा.

फिलहाल दिल्ली कूच नहींFarmers postpone 'Delhi Chalo' march for two days after clashes with police  at Punjab-Haryana border – India TV

इस बीच शंभू बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है. शुक्रवार को केरल, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से कुछ किसान नेता भी शंभू बॉर्डर पहुंचे है. बता दें कि ट्रैक्टरों और गाड़ियों का एक काफिला शंभू प्रांत की सीमा पर लगभग 4 से 5 किलोमीटर तक फैला है, जो किसानों को अस्थायी रूप से रोकता है.बता दें कि इस आंदोलन में कई महिलाएं भी हिस्सा ले रही हैं, और आसपास के गांवों से लोग किसानों के लिए लंगर लेकर आते हैं. विभिन्न गुरुद्वारा समितियां शंभू सीमा पर दिन-रात लंगर भी प्रदान करती हैं.

Amarnath Ghosh: भारतीय डांसर की अमेरिका में हुई गोली मारकर हत्या, जानें क्या है मामला

Advertisement