नई दिल्ली: 2023 तक दुनिया भर में डेटा उल्लंघन मामले घटे हैं. फिर भी भारत सबसे प्रभावित देशों में पांचवें स्थान पर है. बता दें कि जापान में कुल 5.3 मिलियन खाता उल्लंघनों की सूचना मिली है. ये दावा है कि डेटा उल्लंघनों का पता लगाने वाली डच कंपनी सुरफशार्क की एक रिपोर्ट में सामने […]
नई दिल्ली: 2023 तक दुनिया भर में डेटा उल्लंघन मामले घटे हैं. फिर भी भारत सबसे प्रभावित देशों में पांचवें स्थान पर है. बता दें कि जापान में कुल 5.3 मिलियन खाता उल्लंघनों की सूचना मिली है. ये दावा है कि डेटा उल्लंघनों का पता लगाने वाली डच कंपनी सुरफशार्क की एक रिपोर्ट में सामने आया था कि रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से दिसंबर 2023 तक प्रत्येक देश में लगभग 29.98 करोड़ खातों से छेड़छाड़ की गई है. इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका पहले स्थान पर 32% है. इसके साथ ही रूस, फ्रांस, स्पेन और भारत का स्थान है. दरअसल संयुक्त राज्य अमेरिका में 2023 में इसके 10 करोड़ मामले देखे गए है, जो पिछले साल से बहुत अधिक है.
बता दें कि प्रभावित खातों की संख्या में साल दर साल 20 प्रतिशत की गिरावट आई है. सुरक्षा कारणों से ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं पर मजबूत पासवर्ड बनाने पर जोर दिया गया है. बता दें कि वहीं डेटा उल्लंघनों में सबसे बड़ी गिरावट अफ्रीका में दर्ज की गई, जो पिछले साल की तुलना में 88 प्रतिशत कम है. मज़ेदार बात ये है कि भारत में डेटा उल्लंघन की दर 2022 की तुलना में 56 प्रतिशत कम है, और ऐसा साइबर सुरक्षा उपायों के कारण माना जाता है कि वैश्विक-स्तर पर कुल उल्लंघनों की संख्या में 18 प्रतिशत की कमी आई है.
2023 की तीसरी तिमाही में यूरोप को सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र के रूप में पहचाना गया है. इसके बाद उत्तरी अमेरिका और एशिया का स्थान रहा है. बता दें कि डेटा उल्लंघनों की संख्या 2022 में 16 करोड़ से घटकर 2023 में 116.6 मिलियन हो जाएगी, यूरोप डेटा उल्लंघनों की संख्या में अग्रणी बना हुआ है,और उत्तरी अमेरिका में डेटा उल्लंघनों में साल दर साल 193 प्रतिशत की वृद्धि हुई, और एशिया में 263 करोड़ खातों से छेड़छाड़ की गई है.
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