लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दस सीटों को लेकर हो रहे राज्यसभा चुनाव नामांकन के साथ ही काफी रोचक बन गया था. लेकिन अब मतदान के बाद मतगणना को बीच में ही रोक दी गई है. इसके पीछे समाजवादी पार्टी की तरफ से आपत्तियों को लेकर कारण बताया जा रहा है. समाजवादी पार्टी ने बीजेपी के […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दस सीटों को लेकर हो रहे राज्यसभा चुनाव नामांकन के साथ ही काफी रोचक बन गया था. लेकिन अब मतदान के बाद मतगणना को बीच में ही रोक दी गई है. इसके पीछे समाजवादी पार्टी की तरफ से आपत्तियों को लेकर कारण बताया जा रहा है. समाजवादी पार्टी ने बीजेपी के एक विधायक को वोट किसी सहयोगी से डलवाने का आरोप लगाया है. वहीं समाजवादी पार्टी ने अपने विधायक का वोट रद करने की मांग की है. बताया जा रहा है कि बिना दिखाए ही उस विधायक ने वोट डाला था. समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह ने बताया कि आपत्तियों की वजह से ही काउंटिंक रोकी गई है. जब तक आपत्ति का निराकरण नहीं हो जाता तब तक मतगणना रुकी रहेगी।
आपको बता दें कि दस सीटों के लिए भाजपा से 8 और समाजवादी पार्टी से 3 यानी कुल 11 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे. बीजेपी के 8वें और समाजवादी पार्टी के तीसरे प्रत्याशी के बीच मुकाबला था. शाम 4 बजे तक मतदान चला. इस दौरान समाजवादी पार्टी के 7 विधायकों ने पाला बदलकर बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया. वहीं बहुजन समाज पार्टी के एक मात्र वोटर ने भी बीजेपी को वोट दिया. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के एक विधायक जगदीश नारायण राय के समाजवादी पार्टी के पक्ष में वोट देने की खबर आई. हालांकि बाद में उन्होंने इनकार किया, वहीं नियमों के मुताबिक उन्होंने अपना मत नहीं दिखाया था।
जब वोटों की गिनती शुरू हुई तो जगदीश नारायण का वोट अवैध करने की हेलदेव भारतीय समाज पार्टी की तरफ से मांग की गई. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी ने बीजेपी के एक विधायक के वोट को लेकर आपत्ति की. समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के विधायक का वोट किसी और से डलवाया गया है. इस आपत्ति की वजह से वोटों की गिनती रोक दी गई।
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