Advertisement
  • होम
  • top news
  • Farmer Protest: किसानों ने सरकार का प्रस्ताव ठुकराया, 21 फरवरी को दिल्ली कूच करने की ठानी

Farmer Protest: किसानों ने सरकार का प्रस्ताव ठुकराया, 21 फरवरी को दिल्ली कूच करने की ठानी

नई दिल्लीः एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसान धरना-प्रदर्शन खत्म करने को तैयार नहीं है। प्रदर्शनकारी किसानों ने सख्त रवैया अपना लिया है। इसी बीच किसानों और सरकार के बीच चौथे दौर की वार्ता चंडीगढ़ में रविवार यानी 18 फरवरी को हुई। इस बैठक में खुद कृषी मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल […]

Advertisement
Farmer Protest: किसान सरकार का प्रस्ताव ठुकराया, 21 फरवरी को दिल्ली कूच करने की ठानी
  • February 19, 2024 6:07 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

नई दिल्लीः एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसान धरना-प्रदर्शन खत्म करने को तैयार नहीं है। प्रदर्शनकारी किसानों ने सख्त रवैया अपना लिया है। इसी बीच किसानों और सरकार के बीच चौथे दौर की वार्ता चंडीगढ़ में रविवार यानी 18 फरवरी को हुई। इस बैठक में खुद कृषी मंत्री अर्जुन मुंडा भी शामिल थे। हालांकि किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार 20 फरवरी तक हल नहीं निकाला तो हमलोग 21 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे।

प्रदर्शनकारी किसान नहीं हुए राजी

प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि सरकार अपने प्रस्ताव के जरिेए सिर्फ हरियाणा और पंजाब के किसानों को साधना चाहती है। जबकि आंदोलन देशभर के किसानों के लिए अनेक फसलों के लिए हो रहा है। वहीं धान पर सरकार एमएसपी देने को तैयार है मगर पैदावार अपने हिसाब से करवानी चाहती है। यह प्रस्ताव किसान को मंजूर नहीं है। इस बात की जानकारी भारतीय किसान यूनियन के नेता जय सिंह जलबेड़ा ने दी है। अब किसानों ने सरकार को 20 फरवरी तक का समय दे दिया है।

चढूनी ने भी कर दी मांग

भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 20 फरवरी तक का समय है। सरकार को तिहलन,बाजरा, दालों, मक्का और कपास को भी एमएसपी में शामिल करना चाहिए। अगर इस सबके बारे में नहीं सोचा गया तो फिर से सोचना होगा। चढूनी ने आगे कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों के साथ बातचीत में सरकार को हरियाण के मुख्यमंत्री को भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब वार्ता में पंजाब के सीएम शामिल हो सकते है तो हरियाणा के क्यों नहीं। हरियाणा के किसानों की मांगे भी पंजाब की तर्ज पर पूरी हो अन्यथा पीछे नहीं हटेंगे।

ये भी पढ़ेः     

Advertisement