नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर झटके पर झटके लग रहे हैं। एक तरफ आप के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए तो दूसरी तरफ पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव फिर से कराने से इनकार कर […]
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर झटके पर झटके लग रहे हैं। एक तरफ आप के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए तो दूसरी तरफ पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव फिर से कराने से इनकार कर दिया है। जाहिर है कि आम आदमी पार्टी के मेयर उम्मीदवार ने कुलदीप कुमार ने मेयर चुनाव के नतीजे को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट पहुंचे थे। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जिसके बाद मामले की सुनवाई के लिए 19 फरवरी की तारीख तय की गई थी।
बता दें कि 30 जनवरी को हुए मेयर चुनाव में नियुक्त पीठासीन अधिकारी ने अनिल मसीह ने आठ पार्षदों के वोट को अवैध करार दिया था। जिसके बाद भाजपा के मनोज सोनकर को मेयर बनाया गया था। वहीं पिठासिन अधिकारी की एक वीडियो भी वायरल हुई थी जिसमें वह कथित रुप से अवैध करार दिए गए पार्षदों के वोटों पर निशान लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। अब इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीठासीन अधिकारी के निशान लगाए बैलेट की जांच हमारी निगरानी में होगी। हालांकि चुनाव दोबारा आयोजित नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीठासीन अधिकारी ने नियमों का पालन नहीं किया। उनके लगाए निशान को नजरअंदाज कर मंगलवार यानी 20 फरवरी को वोटों की गिनती की जाएगी। इसके बाद यह स्पष्ट हो गया है कि मेयर चुनाव दोबारा नहीं होगा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर पर मुकदमा होना चाहिए क्योंकि उन्होंने नियमों का पालन नहीं किया और चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे थे। वहीं रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने सुप्रीम कोर्ट में बैलेट पेपर पर निशान लगाना कबूल किया है। मसीह के मुताबिक उन्होंने 8 बैलेट पर एक्स का निशान लगाया था।
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