नई दिल्ली। देश में एक बार फिर से किसानों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जैसी मांगों को लेकर किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों के प्रदर्शन का आज यानी रविवार (18 फरवरी) को 6वां दिन है। किसान फिलहाल पटियाला की तरफ स्थित शंभू बॉर्डर पर मौजूद हैं। […]
नई दिल्ली। देश में एक बार फिर से किसानों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जैसी मांगों को लेकर किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों के प्रदर्शन का आज यानी रविवार (18 फरवरी) को 6वां दिन है। किसान फिलहाल पटियाला की तरफ स्थित शंभू बॉर्डर पर मौजूद हैं। हरियाणा पुलिस उनको बॉर्डर पार कर दिल्ली जाने से रोकने के लिए कोशिश कर रही है।
किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च का 13 फरवरी को ऐलान किया था, जिससे कृषि सेक्टर से जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार पर दबाव बनाया जा सके। बता दें कि रविवार को ही किसान संगठनों के साथ सरकार बातचीत भी करने वाली है। अब तक तीन दौर की बातचीत हो चुकी है। ऐसे में चौथे दौर की इस बातचीत पर सभी की निगाहें हैं, जिसमें सरकार का प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्री करेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने आशा जताई है कि किसानों संग होने वाली बातचीत में समाधान निकलेगा।
किसान नेताओं की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर एमएसपी की कानूनी गारंटी दे। सरकार से इसको लेकर अध्यादेश लाने की भी मांग की जा रही है। किसानों की मांग है कि सरकार स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को भी लागू करे, जिससे कृषि सेक्टर में सुधार किया जा सके। किसानों का प्रदर्शन फिलहाल पंजाब-हरियाणा में ही केंद्रित है, लेकिन धीरे-धीरे इसके अन्य राज्यों में भी फैलने की उम्मीद जताई जा रही है।