नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए को टक्कर देने के लिए लगभग 26 विपक्षी पार्टियों ने मिलकर इंडिया गठबंधन का निर्माण किया था। हालांकि उनके इरादे पर पानी फिरता जा रहा है। गठबंधन से एक-एक दर कई दलों ने नाता तोड़ लिया है। पहले नीतीश कुमार की जदयू, फिर उसके बाद टीएमसी, जयंत चौधरी […]
नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए को टक्कर देने के लिए लगभग 26 विपक्षी पार्टियों ने मिलकर इंडिया गठबंधन का निर्माण किया था। हालांकि उनके इरादे पर पानी फिरता जा रहा है। गठबंधन से एक-एक दर कई दलों ने नाता तोड़ लिया है। पहले नीतीश कुमार की जदयू, फिर उसके बाद टीएमसी, जयंत चौधरी की आरएलडी और अब फारुख अबदुल्ला की पार्टी नेश्नल कानफ्रेंस ने अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय किया है। इस बात की घोषणा खुद फारुख अबदुल्ला ने की है।
किसान आंदोलन को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमने उनकी आवाज उठाई है। लगभग 750 लोगों की मृत्यु हो गई, बिल वापस ले लिए गए। वहीं इलेक्टोरल बॉन्ड पर उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि पार्टियां इस पर सहमत होंगी और जानकारी के साथ सामने आएंगी। लोगों को पता होना चाहिए कि राजनीतिक पार्टियों के पास पैसे कहां से आ रही है। उम्मीद है कि यह सब चुनाव से पहले ऐलान किया जाएगा। वहीं पाकिस्तान राग अलापते हुए उन्होंने कहा कि स्थिर पाकिस्तान पूरे भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
वहीं फारुख अबदुल्ला के इंडिया गठबंधन से हटकर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी ने कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने कहा अगर भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा 400 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज कर लेती है, तो जो पार्टी विपक्षी इंडी गठबंधन का नेतृत्व करने में विफल रही। कांग्रेस इसके लिए जिम्मेदार होगी। बता दें कि गुलाम नबी कांग्रेस के पूर्व नेता है और अब उन्होंने अपनी पार्टी डीपीएपी नाम से बना ली है।
ये भी पढ़ेः