नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। बता दें कि पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दिया और अब सपा की सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल(Pallavi Patel) भी अखिलेश यादव से नाराज़ चल रही हैं। पल्लवी पटेल ने ये साफ कर दिया है […]
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। बता दें कि पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दिया और अब सपा की सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल(Pallavi Patel) भी अखिलेश यादव से नाराज़ चल रही हैं। पल्लवी पटेल ने ये साफ कर दिया है कर दिया है कि वो राज्यसभा में सपा के प्रत्याशी को वोट नहीं देंगी। जानकारी के अनुसार, सपा ने जिन तीन लोगों के नाम प्रत्याशी के रूप में आगे लाए हैं, पल्लवी उन नामों से खुश नहीं हैं।
दरअसल, सपा की तरफ से राज्यसभा के लिए जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन को प्रत्याशी बनाया गया है। इसमें जया बच्चन और आलोक रंजन के नाम को लेकर पल्लवी पटेल(Pallavi Patel) नाराज हैं। उन्होंने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए ये साफ कहा है कि अखिलेश यादव पीडीए की लड़ाई को अगर बच्चन या रंजन बनाने की कोशिश करेंगे तो वो उनके पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये कोई फ़िल्मी लड़ाई नहीं है, ये लड़ाई गांव, गरीब, पिछड़ा और अल्पसंख्यक की है। ऐसे में अगर उनके अधिकारों के साथ धोखा होगा तो आवाज उठाना आवश्यक है।
पल्लवी पटेल ने ये भी कहा, जहां पर पिछड़े दलित और अल्पसंख्यकों की भागीदारी होनी चाहिए, जब आप उनका वोट लेने की बात कर रहे हैं और ईमानदारी से उनकी भागीदारी नहीं हैं तो इस धोखे में मैं शामिल नहीं हूं। उन्होंने कहा कि सपा ने पीडीए को फॉलो नहीं किया है, हम इनकी राजनीति करते हैं और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं किसी को जिताने के लिए नहीं हूं, मैं अपनी आवाज़ उनके लिए उठा रही हूं। हम अगर गठबंधन का हिस्सा है तो हमारा भी मत और राय जरूरी है। जितने भी लोग ये समझते हैं कि पिछड़ों और दलितों के नाम पर धोखा हो रहा है उन्हें इसका जवाब देना चाहिए।
वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी महासचिव पद से इस्तीफा देने को लेकर पल्लवी पटेल(Pallavi Patel) ने कहा कि वो लगातार मेरे संपर्क में हैं, पार्टी के कई नेताओं ने उन पर कटाक्ष किए हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य का जो क़द है, उस क़द के नेता के लिए ये बहुत बेइज़्ज़ती वाली बात है। सपा बहुत अहम और वहम में चल रही है, उनको पिछड़ों को मजबूर करके उनके अधिकारों को छीनना बंद करना चाहिए।पल्लवी पटेल ने कहा कि वो ईमान की राजनीति करती रहेंगी चाहे उनकी सदस्यता ही क्यों न चली जाए।
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